Coronavirus: मस्जिद खाली करने से मौलाना ने कर दिया था इंकार, आधी रात को निजामुद्दीन पहुंचे अजीत डोभाल तो हुए तैयार

Coronavirus: निजामुद्दीन मरकज की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि यह मरकज दिल्ली में कोरोना वायरस का केंद्र बन गया है। बता दें कि इस मरकज के प्रमुख मौलाना साद से जब दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने बंगलेवाली मस्जिद को खाली करवाने की बात की थी। तब उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया था। लेकिन फिर गृहमंत्री अमित शाह के कहने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल आधी रात के करीब दो बजे वहां पहुंचे और उन्होंने मौलाना साद को राजी भी कर लिया।
तेलंगाना के करीमनगर में नौ इंडोनेशियाई नागरिकों की कोरोना रिपोर्ट आई थी पॉजिटिव
अमित शाह और अजीत डोभाल को इस बात की जानकारी लग गई थी कि तेलंगाना के करीमनगर में जिन नौ इंडोनेशियाई नागरिकों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वो सभी इसी मरकज में 18 मार्च को सम्मिलित हुए थे।
जिसके बाद ये बात साफ हो गई थी कि इस मरकज में कोरोना वायरस संक्रमण के कई केस मिलने वाले थे। सुरक्षा एजेंसियों ने इस संक्रमण की सूचना अगले ही दिन सभी राज्यों की पुलिस को दे दी थी।
अजीत डोभाल का मुस्लिम संगठनों से है करीबी संबंध
वैसे तो मरकज ने 27,28 और 29 मार्च को 167 तबलीगी कार्यकर्ताओं को हॉस्पीटल में भर्ती होने की इजाजत दे दी थी। लेकिन जब 28-29 मार्च के करीब दो बजे रात में अजीत डोभाल वहां पहुंचे, तब वो मस्जिद को खाली करके सैनिटाइज करने के लिए राजी हुए। रिपोर्ट के अनुसार अजीत डोभाल का मुस्लिम समुदाय के साथ अच्छा संबंध है। मुस्लिम समुदाय के लोग राष्ट्रीय रणनीति बनाने के लिए उनसे लगातार जुड़े रहे हैं।
दूसरे चरण में है ये ऑपरेशन
इस दूसरे चरण में सुरक्षा एजेंसी सभी विदेशियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का काम करेगी। उनकी सभी मेडिकल हिस्ट्री का पता लगा जाएगा। साथ ही वीजा के मामले में नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई को लेकर भी चर्चा की जाएगी।
मरकज में शामिल थे 216 विदेशी
रिपोर्ट के अनुसार 1746 लोग मरकज में शामिल हुए थे। जिसमें से 216 लोग विदेशी थे और 1530 लोग भारतीय थे। वहीं 824 विदेशी 21 मार्च को देश के कई हिस्सो में तबलीगी एक्टिविटी कर रहे थे। जानकारी के अनुसार 824 विदेशियों की जानकारी 21 मार्च को पुलिस से शेयर की गई थी ताकि उनकी मेडिकल जांच हो सके और उनको क्वारंटाइन किया जा सके। जिसके बाद 28 मार्च को राज्यों को निर्देश दिए गए थे कि जमात कार्यकर्ताओं के नाम कलेक्ट किए जाएं और उनको क्वारंटाइन किया जाए।
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