Maharashtra: लोकसभा चुनाव से पहले अजीत पवार का मिशन मुस्लिम, अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की तैयारी में जुटे

Maharashtra: लोकसभा चुनाव से पहले अजीत पवार का मिशन मुस्लिम, अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की तैयारी में जुटे
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Maharashtra News: लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने राज्य में मुस्लिमों को शिक्षा में आरक्षण देने की चर्चा तेज कर दी है। इसके लिए उन्होंने सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंन्द्र फडणवीस से मुलाकात भी की है। पढ़िए पूरी खबर...

Maharashtra News: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव से मुस्लिम आरक्षण पर मुद्दा गरमा गया है। इसको लेकर महाऱाष्ट्र के उपमुख्यमंत्री (NCP) अजित पवार ने एक प्रेस कॉनफ्रेंस में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को यानी आज एक प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र में तीन पार्टियों (BJP, NCP, Shiv Sena) की गठबंधन की सरकार है। इसलिए वह (अजीत पवार) मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के सामने रखेंगे।

मुस्लिमों के आरक्षण के लिए उच्च नेतृत्व के पास जाएंगे पवार

अजीत पवार ने प्रेस कॉनफ्रेंस में कहा, "इससे पहले, जब महाराष्ट्र में मुस्लिमों को आरक्षण दिया गया था, तो अदालत ने शिक्षा में आरक्षण की अनुमति दी थी, लेकिन रोजगार में नहीं। यह तीन दलों की सरकार है। इसलिए मैं इस मुद्दे को सीएम और डिप्टी सीएम के सामने रखूंगा और हम एक समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे के निर्णय के लिए वे उच्च नेतृत्व से संपर्क करेंगे

अजीत पवार ने कहा कि राज्य के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के रूप में मैंने अल्पसंख्यक मामलों के विभाग के साथ एक बैठक की। उस बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार और वक्फ बोर्ड के कुछ अधिकारी मौलाना आज़ाद के बारे में चर्चा करने के लिए उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि मैं महापुरूष छत्रपति शिवाजी महाराज और महात्मा फुले की विचारधारा के अनुसार काम करता हूं। इसलिए हमें उनके (अल्पसंख्यकों के) बारे में भी सोचना चाहिए क्योंकि वे महाराष्ट्र में रहते हैं और महाराष्ट्र भी भारत में है।

एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन का जिक्र

पवार ने 2014 में हुए कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा इस दौरान सरकार ने मुस्लिम समुदाय को उनके पिछड़ेपन के आधार पर शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण दिया था। हालांकि, इस आरक्षण पर बाद की सरकारों द्वारा अमल नहीं किया गया।

NCP चुनाव चिह्न पर क्या बोले अजीत पवार

वहीं, चाचा-भतीजा (शरद पवार और अजीत पवार) में एनसीपी चुनाव चिह्न को लेकर चल रही चुनाव आयोग की सुनवाई पर अजित पवार ने कहा कि वह चुनाव आयोग के अंतिम फैसले को स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा, तारीखें मिलने के बाद दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व चुनाव आयोग के समक्ष किया जाएगा। उसके बाद जो अंतिम निर्णय आएगा, मैं उसे स्वीकार करूंगा।" बता दें कि एनसीपी के दो गुटों में बंटने के बाद अजित पवार ने जुलाई की शुरुआत में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया था। बीते गुरुवार को चुनाव आयोग ने पार्टी के दोनों गुटों को पत्र लिखकर स्वीकार किया कि एनसीपी में विभाजन हो गया है। आयोग ने इस विवाद में पहली सुनवाई की तारीख 6 अक्टूबर तय की है।

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