Gyanvapi Masjid Survey: ज्ञानवापी सर्वे पर आज फैसला सुनाएगा इलाहाबाद HC, मामले में एक और याचिका दाखिल

Gyanvapi Masjid  Survey: ज्ञानवापी सर्वे पर आज फैसला सुनाएगा इलाहाबाद HC, मामले में एक और याचिका दाखिल
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Gyanvapi Masjid Survey: यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। साथ ही, मामले में एक और नई याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया कि मस्जिद परिसर में मौजूद चिन्हों की रक्षा की जाए।

Gyanvapi Masjid Survey: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) गुरुवार यानि आज फैसला सुनाएगा। इससे पहले बीते 27 जुलाई को कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं कोर्ट में ज्ञानवापी मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक राखी सिंह ने एक याचिका दायर कर मस्जिद परिसर में उपलब्ध चिन्हों की रक्षा करने का आग्रह किया है।

राखी सिंह ने मस्जिद परिसर में उपलब्ध संकेतों को मिटाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। यह याचिका वकील मानबहादुर सिंह और राखी सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी द्वारा दायर की गई है, जो श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी (Gyanvapi) मामला दायर करने वाली पांच हिंदू महिला वादियों में से एक हैं, जिन्होंने मां श्रृंगार गौरी स्थल पर पूजा की अनुमति मांगी है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से कहा गया कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सर्वे पर लगाई रोक

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले सप्ताह ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण (Survey) पर चल रही रोक को 3 अगस्त को फैसला सुनाए जाने तक बढ़ा दिया था। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने यह आदेश अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा मस्जिद के परिसर पर सर्वेक्षण के लिए वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई

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21 जुलाई को, वाराणसी की जिला अदालत (Varanasi Court) ने एएसआई द्वारा मस्जिद के व्यापक सर्वेक्षण का आदेश दिया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर बनाया गया था, जबकि यह माना गया था कि सच्चाई सामने लाने के लिए वैज्ञानिक जांच आवश्यक है। जिला जज ने एएसआई को काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) के बगल में स्थित उस भूखंड की डेटिंग, खुदाई के वैज्ञानिक सर्वे के आदेश दिए थे।

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