असम में अमित शाह बोले- आंदोलन से राज्य के युवा शहीद हुए, गोलियां चलाने वालों ने किया कांग्रेस का समर्थन

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को असम में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखती है। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि असम में लगभग साढ़े 4 साल से असम के अंदर जो विकास की यात्रा मोदी जी के नेतृत्व में यहां सर्वानंद सोनोवाल और हेमंत विश्वा शर्मा की जोड़ी ने आगे चलाई है, इसका एक महत्वपूर्ण पड़ाव आज है।
मोदी जी ने 2013 के चुनाव अभियान में कहा था कि जब तक पूर्वी भारत विकसित नहीं होता, भारत का विकास असंभव है। 2014 में देश की जनता ने मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया, मोदी जी के जो शब्द थें, उसको उन्होंने चरितार्थ किया है। असम में एक समय आंदोलनों का दौर आया, अलग-अलग बातों को लेकर आंदोलन हुए, सैकड़ों युवा मारे गए। असम की शांति को भंग कर दिया गया साथ ही असम के विकास को रोक दिया गया।
मुझे आज बड़ा आनंद है कि श्रीमंत शंकरदेव का जो जन्मस्थान था, वो घुसपैठियों ने कब्जाया हुआ था। उसे खाली करके आज शंकर देव की महान स्मृति को चीर काल तक स्थायी करने का काम हेमंत विश्वा शर्मा और हमारे मुख्यमंत्री जी करने जा रहे हैं। मोदी जी जबसे प्रधानमंत्री बनें तब से असम की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बहुत बड़ा योगदान किया है। असम में लगभग 15 लाख अस्थाई और 5-10 लाख स्थायी आबादी के लिए आधुनिक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनने वाली है।
असम में 1 लाख से ज्यादा नामघर, वैष्णव सम्प्रदाय को, हमारी संस्कृति को, शंकरदेव के संदेश को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। उनमें से 50 साल पुराने 8 हजार नामघरों को आज 2.50- 2.50 लाख रुपये देने का काम हो रहा है। आज राज्य के अंतर्गत 11 विधि कॉलेजों की स्थापना की आधारशिला रखी गई है। असम ने इस देश को गोगोई साहब के रूप में CJI देने का काम किया है। ये विधि विद्यालय अनेक ऐसे विद्वानों को हमारी न्याय प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए देंगे।
मोदी जी ने पूर्वोत्तर के विकास को केंद्र में रखकर 6 साल सरकार चलाई है। मुझे भरोसा है कि आगे भी हमारी सरकार इसी प्रकार पूर्वोत्तर की सेवा करती रहेगी। पहले 5 साल में कभी कभार कोई प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर में आता था। लेकिन मोदी जी ने 6 साल के अंदर स्वयं 30 बार पूर्वोत्तर के दौरा किया है और हर बार तोहफा देकर आये हैं। आज वो सभी संगठन मुख्य प्रवाह में शामिल हो गए हैं और आज युवा अपने नए स्टार्टअप के साथ विश्व भर के युवा के साथ स्पर्धा करके अपने अष्टलक्ष्मी को भारत की अष्टलक्ष्मी बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
एक जमाने में यहां के सारे राज्यों में अलगाववादी अपना एजेंडा चलाते थे, युवाओं के हाथों में बंदूक पकड़ाते थे। आंदोलन से असम के युवा शहीद हुए, गोलियां चलाने वालों ने कांग्रेस का समर्थन किया। मुझे ये कहते हुए खुशी हो रही है कि देश मे कोरोना का सामना करने में असम सबसे ऊपर के राज्यों में रहा है। टेस्टिंग के मामले में ये आगे रहा। यहां मृत्यु दर भी .47 % रही। भूपेन हजारिका न केवल असम बल्कि पूरे उत्तर पूर्व के साहित्य और कला के प्रतीक बनकर देश मे रहे हैं। मगर उन्हें कोई सम्मान नहीं मिला। नरेंद्र मोदी जी ने भूपेन हजारिका जी को भारत रत्न देकर हमारे साहित्य और कला को आगे बढ़ाने का काम किया है।
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