J&K में मौजूदा स्थिति की अमित शाह ने समीक्षा की, दहशतगर्दों को लेकर दिया ये बड़ा आदेश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को पाकिस्तान (Pakistan) से लगी सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था (Security arrangements) समेत जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के मौजूदा हालात की समीक्षा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल हुए।
अमित शाह ने बैठक में सुरक्षा एजेंसियों को पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा को अभेद्य बनाने का निर्देश दिया। साथ ही स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के छद्म युद्ध को जीतने के लिए यह आवश्यक है। वही शाह ने कहा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद निरोधी कानून (यूएपीए) के तहत दर्ज मामलों की समीक्षा की जाएगी और उनकी जांच में तेजी लाई जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले 3 साल में ऐसे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। जिनके खिलाफ कार्रवाही की जाएगी। गृह मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, बैठक की शुरुआत में ही अमित शाह ने अमरनाथ यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की तारीफ की। अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) पिछले दो साल से कोरोना के कारण नहीं हो सकी है।
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने और कुछ अन्य प्राकृतिक आपदाओं को छोड़कर दो साल बाद अमरनाथ यात्रा पूरी तरह सुरक्षित और सफल रही। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भी इसमें सराहनीय भूमिका निभाई है। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) एक समृद्ध और शांतिपूर्ण जम्मू-कश्मीर देखना चाहते हैं और सुरक्षा एजेंसियों को इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
उन्होंने कहा कि सीमा को अभेद्य बनाने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को समन्वित प्रयास करने होंगे। अमित शाह (Amit Shah) के मुताबिक इस छद्म युद्ध को जीतने के लिए आतंकियों, हथियारों और गोला-बारूद की सीमा पार आवाजाही के डर को पूरी तरह खत्म करना जरूरी है।
इसके बाद जम्मू-कश्मीर की जनता सुरक्षाबलों (Security Forces) के साथ मिलकर इस पर निर्णायक जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में आतंकवाद और अलगाववाद की जड़ें दशकों पुरानी हैं। इस व्यवस्था को बनाए रखने और बढ़ावा देने का पूरा तंत्र मौजूद है और आम आदमी इसका शिकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी की बेहतरी के लिए इस व्यवस्था को खत्म करना होगा।
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