फांसी की सजा पाने वाली शबनम को बरेली जेल किया शिफ्ट, जानिये यहां क्या मिलेंगी सुविधाएं

फांसी की सजा पाने वाली शबनम को बरेली जेल किया शिफ्ट, जानिये यहां क्या मिलेंगी सुविधाएं
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोशल मीडिया पर बीते दिनों एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें रामपुर जेल में बंद शबनम एक अन्य महिला के साथ खड़ी नजर आ रही थी। खास बात है कि तस्वीर में दोनों का मेकअप भी नजर आ रहा है। जांच के बाद जहां मामले में दो बंदी रक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है, वहीं शबनम को बरेली सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।

अमरोहा में अपने ही परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतार देने वाली शबनम को बरेली कारागृह में शिफ्ट कर दिया गया है। रामपुर जेल प्रशासन ने यह कदम शबनम की मुस्कुराती हुई तस्वीरें वायरल होने के मामले की जांच के बाद उठाया है। जेल प्रशासन ने दो बंदी रक्षकों को भी सस्पेंड कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोशल मीडिया पर बीते दिनों एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें रामपुर जेल में बंद शबनम एक अन्य महिला के साथ खड़ी नजर आ रही थी। खास बात है कि तस्वीर में दोनों का मेकअप भी नजर आ रहा है। जैसे ही तस्वीरें वायरल हुईं, जेल प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक हड़कंप मच गया। जेल की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हो गए। ऐसे में जेल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए।

जांच में सामने आया कि शबनम के साथ जो महिला दिखाई दे रही है, वो भी हत्या के मामले में बंद है। इस महिला बंदी का नाम आरती शर्मा है, जो उम्र कैद की सजा काट रही है। वहीं शबनम की बात करें तो उसे फांसी की सजा मिली है। जांच में बंदी रक्षक महिला सिपाही नाहिद बी और शुऐब खान का भी नाम सामने आया, जिसके चलते दोनों को सस्पेंड कर दिया गया। रामपुर जेल से शबनम को बेहद गोपनीय तरीके से बरेली केंद्रीय कारागृह में शिफ्ट कर दिया गया है।

बरेली जेल इस वजह से चर्चा में रही

जेल किसी को भी अच्छी नहीं लगती, लेकिन बरेली जेल प्रशासन ने कैदियों की सुविधा के लिए जो अनूठे प्रयोग किए हैं, उसके मद्देनजर इसे अन्य जेलों से बेहतर कहा जा सकता है। विशेषकर कोरोना काल में बरेली जेल प्रशासन ने कैदियों को तनाव से बचाने के लिए अनूठे प्रयोग किए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बरेली जेल में पिछले साल दिसंबर महीने में जेल प्रीमियर लीग 2020 का आयोजन किया गया। इसमें हर बैरक और अहाते की टीम बनाकर रोजाना दो से तीन मैच कराए गए। पिछले साल ही पहली बार रामलीला का भी आयोजन किया गया, जिसमें सब किरदार कैदियों ने निभाए। यही नहीं, यहां अन्य त्योहार भी धूमधाम से मनाए जाते हैं ताकि कैदियों को मानसिक तनाव से दूर रखा जा सके। बता दें कि बरेली सेंट्रल जेल का निर्माण 1848 में हुआ था।

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