आंध्र प्रदेश: जिन्ना टॉवर का नाम बदलने को लेकर प्रदर्शन, पुलिस ने सुनील देवधर समेत बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया

आंध्र प्रदेश: जिन्ना टॉवर का नाम बदलने को लेकर प्रदर्शन, पुलिस ने सुनील देवधर समेत बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुनील देवधर और पार्टी के अन्य कार्यकर्ता जब जिन्ना टावर का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम टॉवर रखने की मांग को लेकर मार्च के लिए निकलते तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के अमरावती में मंगलवार को गुंटूर शहर (Guntur city) में स्थित जिन्ना टावर सेंटर (Jinnah Tower Center) तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर (Sunil Deodhar), नेता और कार्यकर्ता मार्च के लिए निकले। लेकिन, इस दौरान पुलिस ने बीजेपी राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर समेत कई नेताओं और पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। ये सभी जिन्ना टावर का नाम बदलकर एपीजी अब्दुल कलाम (APG Abdul Kalam) रखने की मांग को लेकर मार्च करने निकले थे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुनील देवधर और पार्टी के अन्य कार्यकर्ता जब जिन्ना टावर का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम टॉवर रखने की मांग को लेकर मार्च के लिए निकलते तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। फिर पुलिस ने राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर और सत्य कुमार सहित कई भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। देवधर ने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया और कहा कि 'निरंकुश' वाईएस जगन के नेतृत्व वाली सरकार 'अल्पसंख्यक तुष्टीकरण' में शामिल है। उन्होंने कहा कि वाईएस जगन के नेतृत्व वाली सरकार ने हमारी आवाज दबाने के लिए अपना असली रंग दिखाया है। वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने ट्वीट कर पुलिस कार्रवाई की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि आश्चर्य है कि हम आंध्र प्रदेश में हैं या पाकिस्तान में हैं।

वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सोमू वीरराजू ने कहा, न केवल उनकी पार्टी बल्कि लोगों ने भी जिन्ना टावर का नाम बदलने की मांग की है। सोमू वीरराजू ने कहा है, जिन्ना टावर का नाम बदलकर अब्दुल कलाम के नाम पर रखने की मांग को व्यापक समर्थन मिल रहा है। राज्य सरकार हमारी मांग पर दमनकारी रुख नहीं अपना रही है। जानकारी के लिए बता दें कि जिन्ना टॉवर शहर के महात्मा गांधी रोड पर स्थित गुंटूर में स्वतंत्रता-पूर्व युग का एक ऐतिहासिक स्मारक है। इसे 1940 में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की यात्रा की याद में बनवाया गया था।

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