Haribhoomi Explainer: CBI चीफ की नियुक्ति कैसे होती है, जानिये पूरा प्रोसेस और उनका वेतन

Appointment of CBI Director: सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) देश की प्रमुख जांच एजेंसी है। अक्सर लोगों के मन में सवाल रहता है कि आखिर सीबीआई चीफ की नियुक्ति कैसे होती है। वेतन कितना होता है और कार्यकाल कब तक का रहता है। आज हरिभूमि एक्सप्लेनर में आपको इससे जुड़ी तमाम जानकारी बताने जा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई चीफ की नियुक्ति सलेक्शन कमेटी की ओर से किया जाता है। इस कमेटी में प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और विपक्ष के नेता मौजूद रहते हैं। अगर लोकसभा में विपक्ष का नेता नहीं है, तो सदन की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को इस कमेटी में शामिल कर लिया जाता है। इस प्रक्रिया में अधिकारियों से आवेदन मांगा जाता है, जिसके बाद इनकी नियुक्ति पर अंतिम मुहर लग जाती है। 2014 तक सीबीआई के चीफ की नियुक्ति 1946 के डीएसपीई अधिनियम द्वारा किया जाता था, लेकिन 2014 से लोकपाल अधिनियम द्वारा इनकी नियुक्ति समिति द्वारा होने लगी, जिसमें पीएम, भारत के मुख्य न्यायधीश तथा विपक्ष के नेता शामिल रहते हैं ।
सीबीआई का गठन कब हुआ
1941 के द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान युद्ध सामग्री की खरीद संबंधी रिश्वतखोरी को रोकने के लिए सीबीआई का गठन किया गया था। यह एक वैधानिक निकाय है, लेकिन विशेष पुलिस अधिनियम, 1946 के तहत इसको अन्वेषण करने की शक्ति प्राप्त है। इसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य था भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना। सीबीआई को बाद में चर्चित हत्याओं, अपराध, अपहरण, अपराध जैसे अन्य जांच का दायित्व भी सौंपा जाने लगा।
क्या होता है सीबीआई का कार्य :
1: सीबीआई का मुख्य कार्य भ्रष्टाचार में संलिप्त केंद्रीय अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच करना है।
2: विदेशी मुद्रा विनिमय के उल्लंघन के मामले की जांच करना
3: भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों तथा राज्य पुलिस बल के बीच समन्वय बनाए रखना।
4 : राज्य सरकारों के कहने पर किसी मामले की जांच करना ।
5: पासपोर्ट तथा ऐसे अन्य संबंधी कानूनों के उल्लंघन के मामलों की जांच करना
6 : सीबीआई किसी भी पब्लिक सर्वेंट को बिना किसी वारंट के भी गिरफ्तार कर सकती है।
7. सीबीआई प्रमुख को लगे कि कोई आरोपी सबूतों से हेराफेरी कर सकता है, तो उसे अरेस्ट कर सकते हैं। सीबीआई चीफ दिल्ली विशेष पुलिस अधिनियम के अनुसार पुलिस महानिरीक्षक के प्रशासन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
क्या है सीबीआई चीफ को हटाने की प्रक्रिया
सीबीआई देश की सबसे प्रमुख जांच एजेंसी है। ऐसे में सीबीआई डायरेक्टर के चुनाव व हटाए जाने को लेकर समय-समय पर विवाद होता रहता है। आइये जानते हैं कि सीबीआई चीफ को कैसे हटाया जाता है। साल 1997 से पहले केंद्र सरकार जब चाहे अपनी मर्जी से सीबीआई चीफ को उसके पद से हटा देती थी। हालांकि 1997 में विपिन नारायण मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत इनका कार्यकाल कम से कम दो साल कर दिया गया ताकि ये अपना काम स्वतंत्र होकर कर सकें।
आपको बताते चलें कि सीबीआई चीफ को हटाने से पहले पूरे मामले की जानकारी सलेक्शन पैनल को देनी होती है। साथ ही, इनको हटाने के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को हाई लेबल कमिटी को रिपोर्ट देनी होती है। इसके बाद बैठक बुलाई जाती है और बताया जाता है कि इन पर निम्न आरोप हैं। इसके बाद इस पर फैसला वही तीन सदस्यीय कमेटी करती है, जो इनकी नियुक्ति करती है ।
सीबीआई चीफ की सैलरी कितनी
एक सीबीआई चीफ की तनख्वाह 1.60 लाख से 2.20 लाख के बीच होती है। इसके बावजूद बेसिक सैलरी पर इन्हें कई तरह के सुविधा प्रदान की जाती हैं। मंहगाई भत्ता बेसिक सैलरी का 120 प्रतिशत होता है। पिछले वर्ष सरकार ने सीबीआई की सैलरी को लेकर नया आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक, सीबीआई प्रमुख को आईएएस अफसरों के बराबर ही सैलरी मिलेगी। इसमें अफसरों को हर महीने 2.25 लाख की सैलरी मिलेगी। इसमें अलग से भत्ते शामिल हैं।
भारत के अब तक के सीबीआई चीफ
1. डीपी कोहली 1 अप्रैल 1963 से 31 मई 1968 तक
2. एफवी अरुल 31 मई 1968 से 6 मई 1971 तक
3. डी सेन 6 मई 1971 से 29 मार्च 1977 तक
4. एसएन माथुर 29 मार्च 1977 से 2 मई 1977 तक
5. सीवी नरसिम्हन 2 मई 1977 से 25 नवंबर 1977 तक
6. जॉन लोबो 25 नवंबर 1977 से 30 जून 1979 तक
7. आरडी सिंह 30 जून 1979 से 24 जनवरी 1980 तक
8. जेएस बाजवा 24 जनवरी 1980 से 28 फरवरी 1985 तक
9. एमजी कात्रे 28 फरवरी 1985 से 31 अक्टूबर 1989 तक
10. डॉ एपी मुखर्जी 31 अक्टूबर 1989 से 11 जनवरी 1990 तक
11. आर शेखर 11 जनवरी 1990 से 14 फरवरी 1990 तक
12. विजय करण 14 फरवरी 1990 से1 जून 1992 तक
13. एसके दत्ता 1 जून 1992 से 31 जुलाई 1993 तक
14. केवीआर राव 31 जुलाई 1993 से 31 जुलाई 1996 तक
15. जोगिंदर सिंह 31 जुलाई 1996 से 30 जून 1997 तक
16. आरसी शर्मा 30 जून 1997 से 31 जनवरी 1998 तक
17. डीआर कार्तिकेयन (अभिनय) 31 जनवरी 1998 से 31 मार्च 1998 तक
18. डॉ. टीएन मिश्रा (अभिनय) 31 मार्च 1998 से 4 जनवरी 1999 तक
19. डॉ. आरके राघवन 4 जनवरी 1999 से 30 अप्रैल 2001तक
20. पीसी शर्मा 30 अप्रैल 2001 से 6 दिसंबर 2003 तक
21. यूएस मिश्रा 6 दिसंबर 2003 से 6 दिसंबर 2005 तक
22. विजय शंकर तिवारी 12 दिसंबर 2005 से 31 जुलाई 2008 तक
23. अश्विनी कुमार 2 अगस्त 2008 से 30 नवंबर 2010 तक
24. एपी सिंह 30 नवंबर 2010 से 30 नवंबर 2012 तक
25. रंजीत सिन्हा 3 दिसंबर 2012 से 2 दिसंबर 2014 तक
26. अनिल सिन्हा 3 दिसंबर 2014 से 2 दिसंबर 2016 तक
27. राकेश अस्थाना (विशेष निदेशक) 2 दिसंबर 2016 से 1 फरवरी 2017 तक
28. आलोक कुमार वर्मा 1 फरवरी 2017 से 10 जनवरी 2019 तक
29. एम नागेश्वर राव (अंतरिम) 24 अक्टूबर 2018 से 4 फरवरी 2019 तक
30. ऋषि कुमार शुक्ल 4 फरवरी 2019 से 3 फरवरी 2021तक
31. प्रवीण सिन्हा (अंतरिम) 3 फरवरी 2021 से 25 मई 2021 तक
32. सुबोध कुमार जायसवाल 25 मई 2021 से 25 मई 2023 तक
33. प्रवीण सूद 25 मई 2023 से वर्तमान में बने हुए हैं।
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