Arjun Tank: जानें पाकिस्तान का काल कहे जाने वाले अर्जुन टैंक की क्या है खासियतें

Arjun Tank: जानें पाकिस्तान का काल कहे जाने वाले अर्जुन टैंक की क्या है खासियतें
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पीएम नरेंद्र मोदी ने सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे को तमिलनाडु के चेन्नई में अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक (MK-1A) की चाबी सौंपी।

Arjun Tank: पुलवामा आंतकी हमले की दूसरी वर्षगांठ और सेना को पाकिस्तान का काल देने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे को तमिलनाडु के चेन्नई में अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक (MK-1A) सौंपा। ये टैंक भारत में निर्मित हुआ है।

चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी रूप से अत्याधुनिक टैंक की सलामी भी स्वीकार की। पीएम मोदी ने सेना को स्वदेशी अर्जुन टैंक M-1A की चांबी सौंपी तो इसके साथ ही चेन्नई मेट्रो फेज-1 का उद्घाटन भी किया। सेना में 118 उन्नत अर्जुन टैंक शामिल किया। आइए जानते हैं इस टैंक की क्या है खासियतें...

1. इस टैंक को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के द्वारा बनाया गया है। इस टैंक का डिजाइन देश में तैयार और विकसित किया गया है। जिनमें सीवीआरडीई और डीआरडीओ 15 शैक्षणिक संस्थानों, 8 प्रयोगशालाओं और कई एमएसएमई के साथ काम किया।

2. स्वदेशी अर्जुन टैंक M-1A का लक्ष्य अचूक बताया जा रहा है, जो दुश्मन पर पूरी क्षमता के साथ प्रहार करता है।

3. टैंक में स्टैबलाइज्ड आर्मर पियर्सिंग डिस्चार्जिंग फॉर सबोट, गोला बारूद और 120 मिमी कैलिबर राइफल वाली बंदूक रहती हैं।

4. भारतीय सेना को साल 2004 में 16 टैंकों का पहला बैच मिला और उन्हें 43 आर्मर्ड रेजिमेंट के एक स्क्वाड्रन के रूप में शामिल किया गया।

5. साल 2009 में सेना के पहले अर्जुन रेजिमेंट में 45 टैंक थे। फिर साल 2011 100 से अधिक टैंकों को शामिल किया गया। इसके बाद 2010 में भारतीय सेना ने एक और 124 अर्जुन का आदेश दिया। रक्षा मंत्रालय ने अर्जुन एमके-1 ए की एक और 118 इकाइयों का आदेश दिया था।

6. इस टैंक की खासियत है कि ये नई टेक्नोलॉजी का ट्रांसमिशन सिस्टम है। जो अपने टारगेट को आसानी से सर्च कर लेता है। वहीं मैदान में बिछाई गई माइंस हटाकर आसानी से आगे बढ़ जाता है। इसके अलावा टैंक में केमिकल अटैक से बचने के लिए भी स्पेशल सेंसर लगाए गए हैं।

अर्जुन मेन बैटल टैंक क्या है?

अर्जुन मेन बैटल टैंक की शुरुआत 1972 में डीआरडी ने कॉम्बैट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट के साथ शुरू कर दी थी। इस उद्देश्य बेहतर अग्नि शक्ति, उच्च गतिशीलता और उत्कृष्ट सुरक्षा का टैंक बनाना था। जो युद्ध के वक्त हर स्थिति से मुकाबला कर सकते और दुश्मन देश को मुंहतोड़ जवाब दे सके।

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