Article 370: 'हमें इंसाफ का इंतजार है', अनुच्छेद 370 पर SC के फैसले से पहले गुलाम नबी आजाद का बयान

Article 370: हमें इंसाफ का इंतजार है, अनुच्छेद 370 पर SC के फैसले से पहले गुलाम नबी आजाद का बयान
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Article 370: अनुच्छेद 370 से संबंधित मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमें कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद है।

Article 370: अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाया जाना है। इसको लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर यहां के लोगों के पक्ष में फैसला सुनाएगा। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि कोर्ट से हमें इंसाफ की उम्मीद है।

गुलाम नबी आजाद क्या बोले

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि केवल दो संस्थाएं हैं जो जम्मू-कश्मीर के लोगों को अनुच्छेद 370 और 35ए वापस कर सकती हैं। पहली संसद और दूसरा सुप्रीम कोर्ट। सुप्रीम कोर्ट की पीठ गैर-पक्षपातपूर्ण है और हमें उम्मीद है कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के पक्ष में फैसला देगी। कांग्रेस से अलग होने के बाद डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाने वाले आजाद ने कहा कि वह संसद द्वारा 5 अगस्त, 2019 को लिए गए फैसले को पलटने की उम्मीद नहीं कर सकते क्योंकि इसके लिए लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।

अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए की वापसी के लिए 350 सीटों (लोकसभा में) की आवश्यकता होगी। जम्मू-कश्मीर में किसी भी क्षेत्रीय पार्टी को तीन, चार या अधिकतम पांच सीटें मिल सकती हैं। वह पर्याप्त नहीं होगा। मुझे नहीं लगता कि विपक्ष इतनी संख्या जुटा पाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास बहुमत था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए यह केवल सुप्रीम कोर्ट ही है जो यह कर सकता है। आज़ाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों, संविधान के उन विशेष प्रावधानों से भावनात्मक जुड़ाव रखते हैं जिन्हें चार साल पहले निरस्त कर दिया गया था।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि महाराजा हरि सिंह द्वारा 1925 में जम्मू-कश्मीर के लोगों की भूमि और नौकरियों की रक्षा के लिए विशेष प्रावधान लागू किए गए थे। इन प्रावधानों को आजादी के बाद अनुच्छेद 35 ए के रूप में देश के संविधान में जगह मिली। पिछले 100 सालों में कई सरकारें आईं और गईं और किसी को भी इसे बदलने की जरूरत महसूस नहीं हुई।

उमर अब्दुल्ला बोले- कोर्ट से हमें इंसाफ की उम्मीद

अनुच्छेद 370 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब हम 2019 में सुप्रीम कोर्ट में गए थे तब न्याय की उम्मीद लेकर गए थे, आज भी हमारे जज़्बात वही हैं। हमें इस दिन का बेसब्री से इंतजार था। कल जज अपना फैसला सुनाएंगे, हमें सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद है।

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