अनुच्छेद 370 : कश्मीर में पाबंदी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने दिए समीक्षा के आदेश, 7 दिनों में मांगी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट आज अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कहा कि कश्मीर में बहुत हिंसा हुई है। हम सुरक्षा के मुद्दे के साथ मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को संतुलित करने की पूरी कोशिश करेंगे।
हमारा काम आजादी और सुरक्षा में तालमेल रखना है। कोर्ट ने यह भी कहा कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना भी जरूरी है। बिना वजह इंटरनेट पर पूरी तरह से बैन नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि कश्मीर में हिंसा का पूराना इतिहास रहा है।
पाबंदियों की कोई पुख्ता वजह होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट इंटरनेट बैन दलीलों पर सहमत नहीं है। इंटरनेट लोगों की अभिव्यक्ति का अधिकार है। इंटरनेट का उपयोग करने का अधिकार अनुच्छेद 19 (1) (क) के तहत एक मौलिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए सरकार को एक सप्ताह के भीतर सभी प्रतिबंधात्मक आदेशों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 27 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा
जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने पहले 27 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा था। जिसपर आज फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अनुराधा भसीन, कश्मीर टाइम्स के कार्यकारी संपादक, सहित कुछ अन्य ने याचिकाएं दाखिल की। उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के बाद अधिकारियों द्वारा लागू पाबंदियों के बाद जम्मू-कश्मीर की सामाजिक स्थितियों की जांच करने की भी अनुमति मांगी है।
केंद्र सरकार ने प्रतिबंधों को सही ठहराया
केंद्र सरकार ने 21 नवंबर 2019 को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद लगाए गए प्रतिबंधों को सही ठहराया था। साथ ही कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के कदम से न तो एक भी जान गई है और न ही एक भी गोली चलाई गई है।
केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में आतंकी हिंसा का हवाला दिया था। साथ ही कहा था बीते कई वर्षों से आतंकवादियों को सीमा पार घाटी में दाखिल हो जाते थे। स्थानीय आतंकवादियों और अलगाववादी संगठन ने इस क्षेत्र में नागरिकों को बंदी बना लिया था। सरकार ने नागरिकों के जीवन को सुरक्षित करने के लिए यह कदम उठाया।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS