Chandigarh : एक ही मंच से तीन राज्यों के मुख्यमंत्री ने केंद्र को घेरा, कहा- किसान बदल सकते हैं सरकारें

Chandigarh : एक ही मंच से तीन राज्यों के मुख्यमंत्री ने केंद्र को घेरा, कहा- किसान बदल सकते हैं सरकारें
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चंडीगढ़ (Chandigarh) में रविवार को तीन राज्यों मुख्यमंत्री शिरकत करने पहुंचे हैं। इसी बीच चंद्रशेखर राव किसान आंदोलन (Farmers Movement) के दौरान जान गंवाने वाले किसानों और गलवान घाटी के शहीदों के परिजनों को सहायता प्रदान करने के लिए आज चंडीगढ़ पहुंचे।

चंडीगढ़ (Chandigarh) में रविवार को तीन राज्यों मुख्यमंत्री शिरकत करने पहुंचे हैं। दरअसल तेलंगाना (Telangana) के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (Chief Minister K Chandrashekhar Rao) इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं। इसी बीच चंद्रशेखर राव किसान आंदोलन (Farmers Movement) के दौरान जान गंवाने वाले किसानों और गलवान घाटी के शहीदों के परिजनों को सहायता प्रदान करने के लिए आज चंडीगढ़ पहुंचे।

उनके साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और पंजाब के सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann) भी मौजूद रहे। इस दौरान अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और चंद्रशेखर राव ने लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में जान गंवाने वाले जवानों और किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी।

वही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें गर्व है उन जवानों पर जिन्होंने गलवान घाटी में शहादत दी, उन किसानों पर जिन्होंने किसानी को बचाने के लिए 1 साल तक संघर्ष किया और इस दौरान अपनी शहादत दी...पंजाब में हमारी सरकार बनने के बाद हमारी कोशिश है किसानों की आमदनी को कैसे बढ़ाया जाए। केजरीवाल ने आगे कहा कि जब किसान दिल्ली बॉर्डर पर आए तो एक फाइल हमारे पास आई।

जिसमें कहा गया कि सभी स्टेडियमों को जेल बनाना है। जिसमें इन किसानों को बंद किया जाएगा। मैं भी आंदोलन से निकला हूँ, मुझे पता था कि सरकार क्या करने जा रही है। मैं समझ गया कि यह किसान आंदोलन को खत्म करने की साजिश है। हमने इससे मना कर दिया। इसके अलावा पानी, शौचालय आदि की भी मदद की। केजरीवाल ने कहा कि जिस तरह दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली का मॉडल बना, वैसे ही उसी तरह पंजाब में किसान का मॉडल बनेगा।

वहीं पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि दुख बांटने में आधे रह जाते हैं। जीवन का कोई मूल्य नहीं है। हम इस नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते। कमाने वाले बेटे के जाने से चूल्हे की आग बुझ जाती है। मान ने कहा कि किसान आंदोलन में पंजाब के 543 किसान शहीद हुए। हरियाणा के किसानों को मिलाकर इनकी गिनती 712 है। इसके अलावा 4 परिवार गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों के हैं। मान ने कहा कि सरकार पंजाब में किसानों की स्थिति में सुधार के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।

तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekhar Rao) ने कहा कि यह खेदजनक है कि आजादी के 75 साल बाद भी हमें ऐसी बैठकें करनी पड़ रही हैं। बहुत दर्द होता है... किसान आंदोलन (Farmers' Movemen) चलाने वाले और केंद्र सरकार को कानून वापस लेने के लिए मजबूर करने वाले किसानों को मैं सिर झुकाकर प्रणाम करता हूं। राव ने कहा कि शहीदों को वापस नहीं लाया जा सकता है, लेकिन वे अपनी सहानुभूति जरूर व्यक्त कर सकते हैं। पंजाब ने देश के लिए 2 अहम योगदान दिए हैं। एक स्वतंत्रता संग्राम में और दूसरा जब देश अन्न के लिए संकट में था तो राज्य में पहली हरित क्रांति में किसानों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता हैं।

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