Kalyan Singh : पहली बार Cm बनते ही कल्याण सिंह ने अयोध्या जाकर खाई थी राम मंदिर बनाने की कसम, भाषण सुनने जुटती थी भारी भीड़

दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के राज्यपाल रहे कल्याण सिंह का शनिवार शाम को 89 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में उपचाराधीन थे। वे 48 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे और 7 दिनों से वेंटीलेटर पर थे। 21 जून को उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के लखनऊ के लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद स्वास्थ्य में सुधार न होने पर 4 जुलाई को उन्हें PGI शिफ्ट किया गया था। उन्होंने पहली बार सीएम बनने के बाद मंत्रिमंडल के साथ सीधे अयोध्या में जाकर राम मंदिर बनाने की शपथ ली थी। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराए जाने के दौरान कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने की अनुमति नहीं दी थी। बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए कल्याण को जिम्मेदार माना तो उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 6 दिसंबर, 1992 को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। कल्याण सिंह भाजपा में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद दूसरे ऐसे नेता थे, जिनके भाषणों को सुनने के लिए जनता सबसे ज्यादा बेताब रहती थी।
अधुरी रह गई राम मंदिर देखने की इच्छा
कल्याण सिंह उन नेताओं में से एक थे जिन्हें राम मंदिर निर्माण के लिए सबसे मुखर आवाजों में से एक माना जाता था। जब 2020 में राम मंदिर के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया तो कल्याण सिंह इस पर बहुत खुश हुए थे। उन्होंने कहा था कि उनकी इच्छा है कि वह भगवान राम के मंदिर में दर्शन करके ही अपने प्राण त्यागें। उनकी यह इच्छा नहीं पूरी हो पाई। राम मंदिर बनने को लेकर कल्याण सिंह ने कहा कि ये उन लोगों को समर्पित है, जिनके संघर्ष के बल पर राम मंदिर का आंदोलन आज इस मुकाम पर पहुंचा है। कल्याण ने यह भी कहा था कि वे राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के एक दिन पहले ही अयोध्या पहुंच जाएंगे।
शनिवार को ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कल्याण सिंह से मिलने SGPGI गए थे।
आदरणीय कल्याण सिंह जी को विनम्र श्रद्धांजलि... https://t.co/qfFOyQaVNx
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 21, 2021
यूपी में भाजपा के पहले सीएम बने
कल्याण सिंह यूपी में भाजपा के पहले सीएम बने थे और दो बार मुख्यमंत्री का पद संभाला। वे पहले कार्यकाल में 24 जून 1991 से 6 दिसम्बर 1992 तक और दूसरी बार 21 सितंबर 1997 से 12 नवंबर 1999 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने पहली बार सीएम बनने के बाद मंत्रिमंडल के साथ सीधे अयोध्या में जाकर राम मंदिर बनाने की शपथ ली थी। कल्याण सिंह ने पहली बार अतरौली विधान सभा इलाके से 1967 में चुनाव जीता और लगातार 1980 तक विधायक रहे। 1980 के विधानसभा चुनाव में कल्याण सिंह को कांग्रेस के टिकट पर अनवर खां ने पहली बार पराजित किया। लेकिन बीजेपी के टिकट पर कल्याण सिंह ने 1985 के विधानसभा चुनाव में फिर कामयाबी हासिल की। तब से लेकर 2004 के विधानसभा चुनाव तक कल्याण सिंह अतरौली से विधायक रहे।
दुख की इस घड़ी में मेरे पास शब्द नहीं हैं। कल्याण सिंह जी जमीन से जुड़े बड़े राजनेता और कुशल प्रशासक होने के साथ-साथ एक महान व्यक्तित्व के स्वामी थे। उत्तर प्रदेश के विकास में उनका योगदान अमिट है। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ओम शांति! pic.twitter.com/Z3fq49n1yE
— Narendra Modi (@narendramodi) August 21, 2021
अलीगढ़ में हुआ था जन्म
कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम तेजपाल लोधी और माता का नाम सीता देवी था। कल्याण सिंह 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कई बार अतरौली के विधानसभा सदश्य के रूप में चुने गए। साथ ही साथ ये उत्तर प्रदेश में लोक सभा सांसद और राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। कल्याण सिंह वर्ष 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और दूसरी बार 1997 में मुख्यमंत्री बने थे। ये प्रदेश के प्रमुख राजनैतिक चेहरों में एक इसलिए माने जाते हैं, क्योंकि इनके पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ही बाबरी मस्जिद की घटना घटी थी।
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