Asean-India Summit: PM Modi ने भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में पेश किया 12 सूत्रीय प्रस्ताव, इन मद्दों पर दिया जोर

Asean-India Summit: PM Modi ने भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में पेश किया 12 सूत्रीय प्रस्ताव, इन मद्दों पर दिया जोर
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Asean-India Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को मजबूत करने के लिए 12 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया।

Asean-India Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता (Jakarta) में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन (ASEAN-India Summit) को मजबूत करने के लिए 12 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव कनेक्टिविटी, डिजिटल परावर्तन, व्यापार और आर्थिक जुड़ाव, समकालीन चुनौतियों का समाधान, लोगों के बीच संपर्क और रणनीतिक जुड़ाव को मजबूत बनाना शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार जकार्ता में 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने आसियान-भारत समग्र रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने और इसके भविष्य के रोडमैप को तैयार करने पर आसियान भागीदारों के साथ व्यापक चर्चा की। प्रधानमंत्री ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में आसियान की केंद्रीयता की पुष्टि की और भारत के हिन्द प्रशांत महासागरीय पहल (आईपीओआई) और हिन्द प्रशांत पर आसियान के दृष्टिकोण के बीच तालमेल पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते (एआईटीआईजीए) की समीक्षा को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने भारत-आसियान सहयोग को मजबूत करने के लिए 12 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में दक्षिण-पूर्व एशिया-भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप को जोड़ने वाले मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और आर्थिक गलियारे की स्थापना करने, आसियान भागीदारों के साथ भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक को साझा करने, डिजिटल परावर्तन एवं वित्तीय कनेक्टिविटी में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल भविष्य के लिए आसियान-भारत कोष स्थापित करने की घोषणा की गई।

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उन्होंने भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा स्थापित किए जा रहे ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन में शामिल होने के लिए आसियान देशों को आमंत्रित किया। पीएम ने जन-औषधि केंद्रों के माध्यम से लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने में भारत के अनुभव को साझा करने की पेशकश की। इसके साथ ही उन्होंने तिमोर और लेस्ते में भारतीय दूतावास बनाने की घोषणा भी की।

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