ASEAN Ministerial Meeting: सिंगापुर के विदेश मंत्री बोले- भारत और आसियान देशों की जीडीपी कुल मिलाकर 6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर, जानें एस जयशंकर ने क्या कुछ कहा

देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में गुरुवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) समेत आसियान (ASEAN) देशों के विदेश मंत्रियों ने दिल्ली डायलॉग के 12वें संस्करण में हिस्सा लिया। समाचार एजेंसी एएनआई हिंदी के मुताबिक, इस दौरान कंबोडिया के विदेश मंत्री प्राक सोखोंन (Cambodia Foreign Minister Praak Sokhon) ने कहा कि दिल्ली डायलॉग के 12वें संस्करण (12th edition) की थीम 'बिल्डिंग ब्रिज इन इंडो पेसिफिक' रखी गई है। आज शांति बहाली और हमारे क्षेत्र का विकास कई भू-राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक कारकों के परिणामस्वरूप अत्यधिक तनाव की स्थिति में है।
वहीं इंडोनेशिया की विदेश मंत्री ने कहा कि हमें इंडो-पैसिफिक में ही नहीं हर क्षेत्र में ब्रिज बनाने की जरूरत है। अगर हम एक दूसरे पर भरोसा नहीं करेंगे तो हम ब्रिज बनाने में सफल नहीं हो पाएंगे। इसके लिए हमें मज़बूत राजनीतिक प्रतिबद्धता जतानी होगी। इंडोनेशिया की विदेश मंत्री के अलावा मलेशिया के विदेश मंत्री ने कहा कि आज सुबह ही आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की सफल बैठक हुई। हमने अपनी सामरिक साझेदारी को मज़बूत और व्यापक बनाने का संकल्प दोहराया। जिसमें साझा लाभ के लिए आसियान क्षेत्र को शांतिपूर्ण, स्थिर, विकासशील, सुरक्षित बनाने के लिए प्रयास शामिल हैं।
भारत और आसियान देशों की जीडीपी कुल मिलाकर 6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर
सिंगापुर के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और आसियान देशों की जीडीपी कुल मिलाकर 6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। लेकिन आने वाले 2 दशकों में भारत और आसियान देशों की जीडीपी में बढ़ोतरी की संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं। हम इस विकास के साथ विश्व के जीवंत आवश्यक स्तंभ बनेंगे।
यूक्रेन में संघर्ष के चलते भी खाना, ईंधन और उर्वरक को लेकर चिंता की स्थिति बन गई
दिल्ली डायलॉग के 12वें संस्करण की थीम 'बिल्डिंग ब्रिज इन इंडो पेसिफिक' पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम सिर्फ अपने हित के लिए ब्रिज की बात नहीं कर रहे। हम ब्रिज की बात कर रहे हैं जो भारत और आसियान के बीच वास्तव में व्यापक रणनीतिक साझेदारी का मार्ग बन सके। कोविड महामारी ने वैश्विक दृष्टिकोण को और अधिक अनिश्चित और जटिल बना दिया है। हमारे क्षेत्र में भी जो स्थिति उभरी है वो चिंताजनक है, चाहे अफ़गानिस्तान हो या म्यांमार। यूक्रेन में संघर्ष के चलते भी खाना, ईंधन और उर्वरक को लेकर चिंता की स्थिति बन गई है। भारत और आसियान वैश्विक व्यवस्था के चल रहे पुनर्संतुलन में योगदान करते हैं। हम बढ़ते उपभोक्ता वर्ग, एक मजबूत स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र, बढ़ती इंटरनेट अर्थव्यवस्था और मजबूत जनसांख्यिकीय लाभांश से प्रेरित हैं।
भारत से आसियान में एफडीआई बढ़ा
दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ की महासचिव लिम जॉक होई ने कहा कि कोविड के बावजूद हाल के वर्षों में हमारी आर्थिक साझेदारी बढ़ी है। हमारा व्यापार बढ़ा है। भारत से आसियान में एफडीआई बढ़ा। तेजी से तकनीकी प्रगति की चुनौतियों का सामना करने के लिए, आसियान विशाल डिजिटलीकरण नेटवर्क का निर्माण कर रहा है।
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