असम विधानसभा चुनाव: हिमंत बिस्व सरमा बोले- मुझे MLA बनने के लिए 'मिया' मुस्लिम के वोट की जरूरत नहीं

असम विधानसभा चुनाव 2021 (Assam Assembly Election 2021): असम में चुनाव से पहले सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। इसी बीच राज्य के स्वास्थ्य, शिक्षा और वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा बड़ा बयान दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हिमंत बिस्व सरमा का कहना है कि भाजपा को असम में बंगाली मूल के मुस्लिम समुदाय के वोट की जरूरत नहीं है।
मिली जानकारी के मुताबिक बोलचाल की भाषा में उन्हें 'मिया' मुस्लिम जाना जाता है। वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मिया मुस्लिम समुदाय पर आरोप लगाया है कि यह 'असमिया संस्कृति और भाषा' को चुनौती दे रहे हैं। वे खुद की पहचान मिया के तौर पर करने लगे हैं।
हिमंत बिस्व सरमा ने मिया मुस्लिम समुदाय के लोगों को सांप्रदायिक बताया है। यह समुदाय असम की संस्कृति और असम की भाषा से छेड़छाड़ करने की कई गतिविधियों में शामिल है। इसलिए मैं उनके वोट से विधायक नहीं बनना चाहता हूं। यदि मिया समुदाय मेरे लिए वोट करेगा तो मैं विधानसभा में नहीं बैठूंगा।
मिली जानकारी के अनुसार, उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ऐसे लोगों को कतई टिकट नहीं देगी जो खुद को मिया मुस्लिम बताते हैं। कांग्रेस भी यही करे। बता दें कि कांग्रेस ने आगामी असम चुनाव के लिए एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया है। इस पर हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि इस गठबंधन से भाजपा प्रभावित नहीं होंगी।
राज्य के स्वास्थ्य, शिक्षा और वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने यह भी कहा कि जब हम असम में मुसलमानों की बात करते हैं तो ये दो तरह के हैं। नंबर एक- स्वदेशी असमिया। यह मुस्लिम आमतौर पर भारतीय जनता पार्टी को वोट देते हैं।
पर भले ही वो हमें वोट नहीं भी दे, लेकिन वे हमारी संस्कृति और विरासत से जुड़े हैं। वहीं दूसरा- कुछ को उन श्रेणी में रखा गया है कि जिनका एनआरसी में अब तक ठीक से नाम भी नहीं है। सरमा ने कहा है कि 126 सीटों में से 100 सीट जीतने के लक्ष्य पर समुदाय के वोट का कोई असर नहीं पड़ेगा।
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