तेलंगाना में कांग्रेस ने बीआरएस को पछाड़ा, सत्ता में आई तो कौन बनेगा CM?

Telangana Election Result: तेलंगाना समेत चार अन्य राज्यों के चुनाव के नतीजे आज सामने आ रहे हैं। शुरुआती रुझानों में प्रदेश में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आ रही है। रुझानों में कांग्रेस इस बार केसीआर को हैट्रिक लगाने से रोकने में कामयाब होती नजर आ रही है। एग्जिट पोल में भी तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही थी। आज 3 दिसंबर को आए रुझानों में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से काफी आगे निकल गई है। वहीं, बीआरएस संघर्ष करती दिखाई दे रही है। हालांकि, इस बीच सबके मन में अब सवाल ये उठ रहा है कि अगर प्रदेश में कांग्रेस बहुमत में आ जाती है तो सीएम कौन बनेगा। तेलंगाना में कांग्रेस की ओर से सीएम पद की रेस में चार नाम हैं, जिनकी खूब चर्चा हो रही है। तो चलिए देखते हैं कि वो चार चेहरे कौन हैं जो सीएम की रेस में शामिल हैं।
जातिगत समीकरण
बता दें कि तेलंगाना में सीएम पद के चार बड़े चेहरे को देखने से पहले प्रदेश में जातिगत समीकरण पर भी नजर डालना जरूरी है, क्योंकि में प्रदेश जातिगत समीकरण के इर्द गिर्द ही सीएम कुर्सी धुरी पर घूमती है। प्रदेश में रेड्डी और दलित-आदिवासी समाजों के आसपास घूमती है। राज्य की आबादी में दलित 15 प्रतिशत, आदिवासी नौ प्रतिशत और सामाजिक रूप से प्रभावशाली रेड्डी आबादी अनुमानित सात प्रतिशत है।
सीएम की रेस में शामिल सबसे बड़े चेहरे
तेलंगाना में कांग्रेस की ओर से सीएम की रेस में जो चेहरे शामिल हैं उनपर गौर करते हैं। दरअसल, इस रेस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी का नाम सबसे पहले स्थान पर है। वहीं, सांसद कैप्टन एन उत्तमकुमार रेड्डी भी इस रेस में शामिल हैं। इसके अलावा कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी और मल्लू भट्टी विक्रमार्क का नाम आता है। बता दें कि मल्लू भट्टी विक्रमार्क खम्मम जिले से तीन बार के विधायक हैं। उनकी भी गिनती कद्दावर नेताओं में होती है। अब इन चार चेहरे के बैकग्राउंड के बारे में जानेंगे कि आखिर किस नेता का राजनीति में क्या योगदान रहा है। जिससे वे सीएम की रेस में शामिल हैं।
रेवंत रेड्डी
रेवंत रेड्डी तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का चेहरा बने रहे। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जहां भी नजर आते थे तो उनके साथ रेवंत रेड्डी जरूर दिखते थे। रेवंत रेड्डी तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस इकाई के मौजूदा अध्यक्ष हैं। रेड्डी तेलंगाना में कांग्रेस के उन तीन लोकसभा सांसदों में शामिल हैं। जिन्होंने 2019 में जीत दर्ज की थी। इस विधानसभा चुनाव में रेवंत तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के सामने चुनाव भी लड़ रहे हैं। यह मुकाबला सिद्दिपेट जिले की गजवेल विधानसभा सीट पर है। सूत्रों की मानें, तो वह कांग्रेस की ओर से सीएम की रेस में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, सीएम के सवाल पर रेवंत रेड्डी पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस तेलंगाना में 80 से ज़्यादा सीटें जीतेगी और इस पद (मुख्यमंत्री) के लिए 80 से ज्यादा उम्मीदवार होंगे।
मल्लू भट्टी विक्रमार्क
दूसरे नंबर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क के नाम की चर्चा हो रही है। विक्रमार्क, माधिरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, इसी सीट से वह मौजूदा विधायक भी हैं। आंध्र प्रदेश में पार्टी के एमएलसी रहने के बाद विक्रमार्क माधिरा सीट पर 2009 में पहली बार विधायक चुने गए थे। इसके साथ ही पार्टी ने उन्हें मुख्य सचेतक भी बना दिया। विक्रमार्क के बड़े भाई अविभाजित आंध्र के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके मझले भाई भी कांग्रेस सांसद रह चुके हैं। वो भी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक हैं।
उत्तम सूर्यापेट
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष उत्तम सूर्यापेट जिले की हुजूरनगर सीट से चुनाव मैदान में हैं। वह नलकोंडा लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद भी हैं। इससे पहले रेड्डी हुजूरनगर सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उत्तम कुमार रेड्डी ने बीआरएस के शानमपुडी सैदी रेड्डी को हराया था। तेलंगाना से पहले 1999 से 2014 के बीच वह तीन बार आंध्र प्रदेश से विधायक रह चुके हैं। उनकी भी गिनती प्रदेश के कद्दावर नेताओं में होती है।
कोमाटी रेड्डी
कोमाटी रेड्डी भुवनगिरी लोकसभा सीट से सांसद हैं। वह नलगोंडा विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार बनाए गए हैं। उनका नाम भी राज्य में कांग्रेस के मुख्यमंत्री के रूप में देखा जा रहा है। वह मई 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए चुने जाने से पहले 2018 तक कोमाटी तेलंगाना के विधायक थे। इससे पहले वह 1999 से 2014 के बीच आंध्र प्रदेश से तीन बार विधायक रह चुके हैं।
कांग्रेस क्यों बनी सबसे बड़ी पार्टी
बता दें कि तेलंगाना में हुए पिछले दो विधानसभा चुनावों के दौरान तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति) को कोई सीधी टक्कर नहीं दे पाया था। जिसके चलते लगातार दो बार केसीआर प्रदेश के सीएम रहे, लेकिन साल 2023 के विधानसभा चुनाव में परिस्थितियां अलग हैं। इस बार के तेलंगाना चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश की जनता से कई बड़े वादा किए हैं। उन्हीं वादों के चलते तेलंगाना में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनती नजर आ रही है। पार्टी ने वादा किया है कि अगर तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनती है तो वो हर बेरोजगार युवा को चार हजार रुपये प्रति माह, महिलाओं को ढाई हजार रुपये प्रति माह, बुजुर्गों के लिए चार हजार रुपये प्रति माह पेंशन, किसानों को 15 हजार रुपये देगी। इसके अलावा सीएम केसीआर का दो बार सत्ता में होने से इसका रिएक्शन भी हैं। जिसका कांग्रेस को लाभ मिल रहा है।
क्या कहते हैं अब तक के रुझान
तेलंगाना में 1 बजे तक के रुझानों को देखा जाए तो कांग्रेस 65 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। वहीं, सीएम केसीआर की पार्टी बीआरएस 40 सीट पर ही संघर्ष करती नजर आ रही है। इसके अलावा बीजेपी 8 सीटों पर और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम 5 सीट पर आगे है।
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