ममता बनर्जी के सम्मान पर भड़कीं लेखिका, अवॉर्ड लौटाकर बोलीं- साहित्य में दीदी का योगदान समझ से परे

ममता बनर्जी के सम्मान पर भड़कीं लेखिका, अवॉर्ड लौटाकर बोलीं- साहित्य में दीदी का योगदान समझ से परे
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पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को बांग्‍ला एकेडमी सम्‍मान दिए जाने पर भड़कीं लेखिका रत्ना राशिद बनर्जी ने अपना अवॉर्ड लौटा दिया है। साथ ही ममता बनर्जी पर भी कड़ा प्रहार किया है।

पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) को साहित्य (Literature) के क्षेत्र में अवॉर्ड (Award) दिए जाने पर बंगाली लेखिका और लोक संस्कृति शोधकर्ता रत्ना राशिद बनर्जी (Ratna Rashid Banerjee) ने कड़ी आपत्ति जताई है। ममता बनर्जी को बांग्‍ला एकेडमी सम्‍मान (Bangla Academy Award) दिए जाने पर भड़कीं लेखिका रत्ना राशिद बनर्जी ने अपना अवॉर्ड लौटा दिया है। साथ ही ममता बनर्जी पर भी कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि आखिरकार दीदी ने साहित्य क्षेत्र के लिए ऐसा क्या किया, जिसके चलते उन्हें यह सम्मान दिया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लेखिका रत्ना राशिद बनर्जी ने पश्चिमबंगा बांग्ला अकादमी के अध्यक्ष ब्रत्य बसु को लिखे पत्र में कहा कि मुख्यमंत्री को रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर एक नया साहित्यिक पुरस्कार प्रदान करने के फैसले के मद्देनजर यह पुरस्कार उनके लिए 'कांटों का ताज' बन गया है। मैंने अपना पुरस्कार वापस करने का निर्णय लिया है। ब्रत्य बसु पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री भी हैं।

रत्ना राशिद बनर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं सीएम को साहित्यिक पुरस्कार देने के कदम से स्वयं को अपमानित महसूस कर रही हूं। उन्होंने सवाल पूछा है कि आखिरकार दीदी ने साहित्य क्षेत्र में ऐसा क्या किया, जो उन्हें यह सम्मान दिया गया। उन्होंने कहा कि यह एक बुरी मिसाल कायम होगी। रत्ना रारिश ने कहा कि हम सीएम की राजनीतिक लड़ाई के लिए उनकी प्रशंसा करते हैं और उनका सम्मान करते हैं। उन्हें लोगों ने तीन बार चुना है। हमने भी उन्हें वोट दिया था। इन सबके बावजूद सीएम की राजनीति की तुलना साहित्य की तुलना से नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि यह सम्मान किस लिए दिया गया, यह बात मेरी समझ से ही परे है।

बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की किताब 'कबिता बितान' 2020 में अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता बुक फेयर में रिलीज हुई थी। बांग्ला अकादमी के अध्यक्ष ब्रत्य बसु ने यह सम्मान देते हुए कहा था कि बांग्ला अकादमी ने साहित्य के साथ ही समाज के अन्य क्षेत्रों की बेहतरी के लिए अथक परिश्रम करने वालों को पुरस्कृत करने का निर्णय है। उन्होंने ममता बनर्जी को भी सम्मान देते समय उनके प्रयासों की जमकर सराहना की थी।

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