अयोध्या केस हारने वाले पक्ष को भी मिलेगा लाभ, मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर कल से सुनवायी

अयोध्या जमीन विवाद (Ayodhya Land Dispute) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित भी रख लिया है। कोर्ट में सभी पक्षों की दलीलों को सुना गया है। ऐसे में सुनवाई के दौरान एक चीज सामने आई है, जिसे मोल्डिंग ऑफ रिलीफ कहा जा रहा है। इससे समझने के लिए आपको सबसे पहले केस को थोड़ा सा समझना होगा, आखिर कब मोल्डिंग ऑफ रिलीफ लागू किया जाता है और किस केस में इसका इस्तेमाल होता है। 3 दिनों में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर दोनों पक्ष लिखित रूप में जवाब देंगे।
हारने वाले पक्ष को भी होगा लाभ
साफ शब्दों में है कि जो भी पक्ष हारता है तो उसे भी कोर्ट कुछ ना कुछ देगा। ताकि सभी को पूरा इंसाफ मिल सके। सूत्रों के मुताबिक कोर्ट जमीन का दावा हारने वाले व्यक्ति को अन्य स्थान पर जमीन देने का निर्देश सरकार को दे सकता है। ताकि पक्ष अपने धार्मिक स्थल का निर्माण करा सके। लेकिन दोनों पक्ष कोर्ट में मांग कर रहें। मुस्लिम पक्ष कह रहा है कि हमें तो 1992 जैसी ही बाबरी मस्जिद चाहिए तो वहीं हिंदू कह रहे हैं कि उन्हें राम जन्मभूमि का स्थान ही चाहिए। अयोध्या मामले में शामिल हिंदू पक्ष का कहना है कि जो मस्जिद के नीचे एक हिंदू मंदिर मिला है वो ही जन्मस्थान या भगवान राम पर हिंदू आस्था और विश्वास की पहचान को पुख्ता करते हैं।
कोर्ट क्यों आता है याचिकाकर्ता
अयोध्या केस रेयरेस्ट और रेयर मामलों में से एक है। सबसे पहले जब भी कोई फरियादी या याचिकाकर्ता कोर्ट आता है तो वो न्याय की मांग करता है कि उसको यहां से इंसाफ मिले। ऐसे में कोर्ट का कर्तव्य होता है कि वो सभी के साथ पूरा न्याय करे। अयोध्या मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसले के खिलाफ दोनों पक्ष कोर्ट पहुंचे थे और अपने अपने याचिकाए दायर की थी। आखिर किसका इस जमीन पर मालिकाना हक है।
जानें क्या है मोल्डिंग ऑफ रिलीफ
अभी कोर्ट में सुनवाई जारी है और फैसला किसी एक पक्ष के हक में आएगा और दूसरे को क्या मिलेगा, जिसे मोल्डिंग ऑफ रिलीफ यानी सांत्वना पुरस्कार दिया जाएगा। अगर मुस्लिम पक्ष जीता तो कोर्ट हिंदू पक्ष को बाहर राम मंदिर के लिए जमीन दे सकती है अगर हिंदू पक्ष जीता तो मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए जमीन दी जाएगी।
जानें क्या है अयोध्या भूमि विवाद मामला
अयोध्या राम की जन्मभूमि कही जाती है, जिसमें करोड़ों हिंदुओं का विश्वास है। जो आस्था का केंद्र भी है। वहीं विवाद स्थल पर बाबरी मस्जिद के इतिहास और स्थान के बारे में है। मस्जिद बनाने के लिए पिछले हिंदू मंदिर को ध्वस्त किया गया था या नहीं, इसको लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है, फिलहाल अंतिम चरण की सुनवाई आज पूरी हो गई है।
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