Ayodhya Case: राम जन्मभूमि का नक्शा देखकर इस वजह से भड़क गए मुस्लिमों के वकील, जानिए नक्शा फाड़ने की अंदरूनी कहानी

Ayodhya Case: राम जन्मभूमि का नक्शा देखकर इस वजह से भड़क गए मुस्लिमों के वकील, जानिए नक्शा फाड़ने की अंदरूनी कहानी
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अयोध्या जमीन विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई का अंतिम दिन चल रहा है। राजीव धवन ने कोर्ट के अंदर ही 1810 का राम जन्मभूमि का नक्शा फाड़ दिया।

अयोध्या जमीन विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई का अंतिम दिन चल रहा है। इसी बीच सभी पक्षकारों के वकील अपने अपने पक्ष रख रहे हैं। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने कोर्ट में एक ऐसे वाक्या कर दिया की सब हैरान रहे गए। कोर्ट रूम में हिंदू महासभा के पक्षकारों के वकील विकास सिंह अपनी दलीलें दे रहे थे। उसी दौरान उन्होंने कोर्ट में एक किताब दिखाई और इसके साथ ही एक राम जन्मभूमि का नक्शा भी दिखाया। जिसके अंदर राम जन्मभूमि के बारे में पूरी जानकारी थी। जिसे अचानक राजीव धवन ने फाड़ दिया।

राजीव धवन ने नक्शा फाड़ने पर दिया बयान

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन के नक्शा फाड़ने की खबर तेजी से वायरल हुई तो उन्होंने कोर्ट में इस पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि सभी जगहों पर खबर है कि मैंने नक्शा फाड़ा, लेकिन मैंने यह कोर्ट के आदेश पर किया। मैंने कोर्ट में कहा था कि मैं इसे फेंकना चाहता हूं लेकिन सीजेआई ने कहा आप इसे फाड़ सकते हैं। ऐसे में मैंने वहीं किया जो मुझे कहा गया। सीजेआई बहस के दौरान कहा था कि आप इसे फाड़ सकते हैं।

ये है कोर्ट रूम में नक्शा फाड़ने की सच्चाई

सूत्रों के मुताबिक हिंदूमहासभा के वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने अचानक साक्ष्य पेश किया। इससे पहले नक्शे का कोई जिक्र नहीं था। मुस्लिम पक्ष का मामला कमजोर पड़ते देख राजीव धवन गुस्से में आ गए। क्योंकि आज दलीलों का अंतिम दिन है। मुस्लिम पक्ष दलीलें दे चुका है। ऐसे में मुस्लिम पक्ष के वकील नए साक्ष्य को लेकर कोई काउंटर नहीं कर सकते। ऐसे में राजीव धवन ने साक्ष्य को ही कोर्ट के सामने फाड़ दिया।

अयोध्या रिविजिटेड में है जन्मभूमि का नक्शा

विकास सिंह ने पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब 'अयोध्या रिविजिटेड' को कोर्ट में पेश किया। वकील विकास सिंह ने किताब से नक्शा निकालकर दिखाते हुए कहा कि भगवान राम के जन्मस्थान का सही पता है। अभी तक इस सबूत को पेश नहीं किया गया है। इसे सबूत के तौर पर रिकार्ड में रखा जाएगा। इस बात का राजीव धवन ने विरोध किया और बेकार बताया। कहा कि कहां राम का जन्म हुआ कहां वो रहते थे, कैसे उनकी जन्मभूमि को तैयार किया गया था। जिसके बाद गुस्से में राजीव धवन ने कोर्ट के अंदर ही नक्शे को फाड़ दिया।

राम जन्मभूमि का 1810 का है नक्शा

राम जन्मभूमि का जो नक्सा पेश किया गया वो वर्ष 1810 का है। हिंदू महासभा के वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने उन्हें दस्तावेज सौंपे। नक्शा फाड़ने के बाद राजीव धवन ने अन्य दस्तावेजों को भी फाड़ना शुरू कर दिया। जिसका बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़ा विरोध किया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने भी कड़ी नाराजगी जतायी।

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