Ayodhya Case: सुप्रीम कोर्ट से बोले मुस्लिम पक्षकार, जैसा ढांचा था वैसा ही दें

अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई का 38वां दिन रहा। इस दौरान राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर बोलते हुए मुस्लिम पक्षकारों ने कोर्ट से मांग की है।
मुस्लिम पक्षकारों ने आरोप लगाया कि इस मामले में हिन्दु पक्ष से नहीं बल्कि सिर्फ हमसे ही सवाल किये जा रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है। हमें 1992 जैसा ढांचा चाहिए।सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ से मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन के पूछा।
मुस्लिम पक्षकारों के वकील ने पूछे सवाल
राजीव धवन ने कोर्ट में कहा कि दूसरे पक्ष से सवाल नहीं पूछे। सारे सवाल हमसे ही क्यों पूछे। लेकिन हम उनका जवाब देंगे। यह पूरी तरह से अनावश्यक है। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि विवादित स्थल से जो लोहे की ग्रिल मिली। उससे लगता है कि बरामद को दो टुकड़ों में बांटा गया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस ग्रिल का मकसद हमेशा से हिंदू और मुस्लिमों को अलग अलग रखना था। एक तरफ हिंदू थे जो 'राम चबूतरा', 'सीता रसोई' की तरफ थे। जिसके जवाब में धवन ने कहा कि हिंदुओं को सिर्फ पूजा अर्चना करने का अधिकार मिला था ना कि विवादित जमीन का मालिक बनने का नहीं।
17 अक्टूबर तक होगी सुनवाई
इसके बाद कोर्ट ने सवाल पूछा कि उनके पास प्रवेश और पूजा अर्चना का अधिकार था और क्या इसमें तीसरे पक्ष के प्रवेश और पूजा का अधिकार दिया जा सकात है। यह सुनवाई 17 अक्टूबर तक जारी रहेगी। जिसका फैसला दिवाली के बाद आएगा।
2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
बता दें कि साल 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटा था। जिसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच 2.77 एकड़ जमीन दी गई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ 14 याचिकाएं दायर की गईं।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS