अयोध्या जमीन विवाद में सुनवाई पूरी, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

अयोध्या विवाद (Ayodhya Case) : अयोध्या जमीन विवाद (Ayodhya land dispute) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज अंतिम दिन की सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुना और फैसले को अपने पास सुरक्षित रख लिया है।
लाइव अपडेट (Live Update)
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या जमीन विवाद पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब इस मामले पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
Arguments conclude in the #AyodhyaCase , Supreme Court reserves the order. pic.twitter.com/74JQXGj7r7
— ANI (@ANI) October 16, 2019
वहीं मीडिया को एडवाइजरी भी जारी कर दी है।
News Broadcasting Standards Authority (NBSA) issues advisory on #AyodhyaHearing coverage:
— ANI (@ANI) October 16, 2019
*Do not speculate court proceedings.
*Ascertain facts of hearing.
*Do not use mosque demolition footage.
*Do not broadcast any celebrations.
*Ensure no extreme views are aired in debates.
सीजेआई रंजन गोगोई ने हिंदू महासभा द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों पर कहा कि अगर इस तरह के तर्क चल रहे हैं, तो हम अभी उठ सकते हैं और बाहर निकल सकते हैं।
Ayodhya Ram Temple-Babri Masjid land case: The lawyer of All India Hindu Mahasabha says, with great respect to the Court, I have not disturbed the decorum of the Court. https://t.co/7nUT7tKowO
— ANI (@ANI) October 16, 2019
अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा के वकील ने कहा कि कोर्ट में बहुत सम्मान के साथ मैंने कोर्ट की शोभा को भंग नहीं की।
कोर्ट रूम में नक्शा फाड़ने के बाद सीजेआई रंजन गोगोई नाराज हो गए हैं। उन्होने कहा कि अगर आप इसको नहीं मानते तो कोई बात नहीं।
कोर्ट रूम में हिंदू महासभा की ओर से विकास सिंह ने राम जन्मभूमिका का नक्शा पेश किया, जिसे मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने फाड़ दिया।
सीएस वैद्नाथन ने कहा कि 1855 तक पूजा होती थी, मस्जिद बनने के बाद भी पूजा होती रही, ब्रिटिश सरकार ने वहां रेलिंग गलाकर बंटवारा किया।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अयोध्या भूमि मामले में एक पक्ष हिंदू महासभा के हस्तक्षेप के आवेदन को खारिज कर दिया है। जिसमें यह मामला आज शाम 5 बजे खत्म होने जा रहा है। अब बहुत हो गया है।
Chief Justice of India (CJI) Ranjan Gogoi while dismissing intervention application of one of the parties Hindu Maha Sabha in #Ayodhya land case: This matter is going to be over by 5 pm today. Enough is enough. https://t.co/wOxgLGEoWB
— ANI (@ANI) October 16, 2019
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या जमीन विवाद को लेकर अंतिम दिन की सुनवाई शुरू
मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान ना दें, बाबरी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष अपना दावा नही छोड़ रहा है, हमें कोर्ट के फैसले का इंतजार रहेगा। जो कोर्ट फैसला देगा को हम मानेंगे।
अगले महीने नवंबर तक राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) और बाबरी मस्जिद विवाद (Babri Masjid) मामले का फैसला सुप्रीम कोर्ट दे सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में लगातार 39 दिनों के बाद आज 40 वें दिन बुधवार को अंतिम सुनवाई होगी, जिसकी जानकारी सीजेआई ने मंगलवार को दी थी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने आज कहा था कि सुनवाई मूल रूप से 18 अक्टूबर को समाप्त होनी चाहिए। लेकिन बाद में 17 अक्टूबर रखी गई।
सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर तक मुख्य न्यायाधीश के रिटायरमेंट से पहले फैसले की घोषणा करने की उम्मीद है। हिंदू पक्ष राम लला विराजमान का कहना है कि हिंदू सदियों से यहां पूजा करते आए हैं। मुसलमान किसी भी अन्य मस्जिद में प्रार्थना कर सकते हैं। अयोध्या में कई मस्जिदे हैं। लेकिन भगवान राम का जन्म स्थान एक ही है। हम जन्मस्थान नहीं बदल सकते।
वहीं मुस्लिम पक्षकार राजीव धवन बोल चुके हैं कि हर सवाल हमसे की क्यों पूछे जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि अदालत हिंदू पक्षों के पर्याप्त सवाल पूछ रही है। तो इसे हल्के में ना लें। बाबरी मस्जिद 1992 में ध्वस्त होने से पहले खड़ी थी वैसी ही चाहिए।
अयोध्या में धारा 144 लागू
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई के आज अंतिम चरण के चलते पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। ऐसे में चार या अधिक लोग के एक जगह इक्ट्ठा खड़े नहीं हो सकते हैं। अंतिम फैसले तक यह जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले के 38वें दिन एक सप्ताह के दशहरे की छुट्टी के बाद फिर से सुनवाई शुरू की थी। जिसका फैसला 17 नवंबर से पहले आने की उम्मीद की जा रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
साल 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि पर फैसला सुनाया था। जिसमें विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बंटा गया है, सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम जन्मभूमि के बीच बंटा गया था था। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चौदह अपील दायर की गई थीं।
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