अयोध्या केस : रामलला के वकील की दलील, ऐतिहासिक किताबों में दर्ज है मंदिर तोड़ने का मामला

अयोध्या मामले (Ayodhya land dispute) को लेकर नियमित सुनवाई में आज छठे दिन की सुनवाई हो रही है। पांचवे दिन रामलला विराजमान के वकील वैद्यनाथन ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने विवादित भूमि पर दावा जताया। इसके लिए तर्क दिया था कि वहां 1528 से लेकर 1855 तक मुसलमानों द्वारा नमाज नहीं अदा किया गया। उनके इन तर्को पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये आपका नजरिया है और आपका नजरिया ही सबका हो ऐसा संभव नहीं। वहीं मुस्लिम पक्ष ने रामलला विराजमान के की दलीलों के बीच में बोले तो जज ने कहा कि आपको अपना तर्क रखने का समय दिया जाएगा, हमें इस केस को लेकर किसी तरह की कोई जल्दी नहीं है। हर पक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया जाएगा।
Live Update :
रामलला विराजमान की तरफ से दलील दे रहे वैद्यानाथन ने कहा अयोध्या में हम जिस जमीन के हक की बात कर रहे हैं। उससे लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अयोध्या में जैन, बौद्ध, इस्लाम और हिन्दुओं का प्रभाव रहा। इसपर वैद्यानाथन ने कहा कि वहां ऐसा ही था लेकिन जन्मभूमि को लेकर हिन्दुओं में विश्वास हर समय बरकरार रहा।
रामलला के वकील ने अयोध्या के इतिहास को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में जब बौध्द का राज था तभी से इसके पतन की शुरुआत हो गई। हिन्दुओं के पूजन स्थलों पर मस्जिदें बनाई गई। उन्होंने कहा कि राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या में 368 मंदिर बनवाए जिसमें रामजन्मभूमि भी शामिल है।
रामलला के वकील ने गुप्त काल से लेकर उत्तर मध्य युग तक रामजन्मभूमि की सर्वकालिक महत्ता और महात्म्य को बताया। उन्होने कहा कि अयोध्या साकेत नाम से मशहूर था। यहां सैंकड़ो साल पहले से लोग राम के प्रति श्रद्धा रखते रहे हैं। बौद्ध, जैन, और इस्लामिक काल में भी यहां राम जन्मभूमि लगातार प्रसिद्ध रही। वकील ने कहा कि इस विवादित स्थान पर दावे का आधार भी यही है कि ये पूरी जगह की देवता है। इसलिए इसका अब हिस्सों में बंटवारा नहीं किया जा सकता।
रामलला के वकील द्वारा दी जा रही दलील के बीच जस्टिस बोबड़े ने पूछा कि मस्जिद को बाबरी मस्जिद कब कहा जाने लगा? इस सवाल के जवाब में वैद्यानाथन ने कहा कि 19वीं शताब्दी में। साथ ही उन्होंने कहा कि उसके पहले कोई भी ऐसा साक्ष्य मौजूद नहीं है जिसमें मस्जिद को बाबरी मस्जिद कहा गया हो।
इसके बाद जस्टिस बोबड़े ने फिर पूछा कि क्या कोई ऐसा सबूत है जिससे ये पता चले कि बाबर ने ही मस्जिद निर्माण की बात कही हो। वैद्यानाथन ने कहा कि प्राप्त दस्तावेजों और साक्ष्यों से ये पता चलता है कि वहां जन्मस्थान था जिसके ऊपर मंदिर बनाई गई थी। जिसे तोड़कर वहां मस्जिद का निर्माण किया गया।
रामलला के वकील ने जो दलीले दी हैं उसमें बाबर द्वारा रामजन्मभूमि के किला तोड़े जाने की घटना का जिक्र किया है। उन्होंने फिंच की यात्रा वृत्तांत के हवाले से कहा कि औरंगजेब ने बाबर के बाद शेष भाग को तोड़ा। पर यह साफ नहीं है कि मस्जिद का ढांचा बाबर के ही समय में खड़ा किया गया या फिर किसी और ने।
Advocate C S Vaidyanathan, appearing for a Hindu party, says "during the reign of Akbar and Jahangir, there were early travelers to India like William Finch, William Hawkins who made references in their writing about Ayodhya. " https://t.co/Od2UpjeT8r
— ANI (@ANI) August 14, 2019
इस दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन सुनवाई के बीच खड़े होकर दखल देते हुए कहा कि विलियम फिंच की इस ऐतिहासिक किताब से कई पेज गायब हैं। गायब पेज में बाबरनामा का जिक्र किया गया है।
रामलला के वकील वैद्यानाथन ने कहा कि यात्री जोसफ टाइपन बैरल अयोध्या आए थे उन्होंने अपनी किताब में रामजन्मभूमि का जिक्र किया है। विलियम फिंच भी भारत यात्रा के दौरान 3 साल 1608 से लेकर 1611 तक अयोध्या में रहे। उन्होने जो किताब लिखी उसमें राजजन्मभूमि का स्पष्ट उल्लेख है। रामलला के वकील ने बताया कि विलियम फिंच ने अपनी यात्रा वृत्तांत में कैसे राम की नगरी अयोध्या को बर्बाद किया।
रामलला के वकील ने स्कंद पुराण का जिक्र किया, जिसपर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आज जो कह रहे हैं उसमें रामजन्मभूमि का जिक्र है, इसमें किसी भी देवता का जिक्र नहीं है इसपर रामलला के वकील ने कहा कि रामजन्मभूमि ही हमारे देवता है।
सुनवाई के पांचवे दिन मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा था कि रामलला के वकील हाईकोर्ट के फैसले को ही पढ़ रहे हैं वह कोई तथ्य नहीं पेश कर रहे हैं। उनकी इसी बात के बाद रामलला विराजमान के वकील ने पुराणों का जिक्र शुरू किया।
सातवें दिन की सुनवाई में रामलला विराजमान के वकीन सीएस वैद्यानाथन ने अपना तर्क रखना शुरू किया है। उन्होंने छठे दिन की सुनवाई की शुरूआत में पुराणों का हवाला देना शुरू किया है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS