Ayodhya Land Dispute : लगातार दूसरे दिन हुई सुनवाई, निर्मोही अखाड़ा ने रखा अपना पक्ष

Ayodhya Land Dispute : लगातार दूसरे दिन हुई सुनवाई, निर्मोही अखाड़ा ने रखा अपना पक्ष
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अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की नियमित सुनवाई के दूसरे दिन आज निर्मोही अखाड़ा फिर से अपना पक्ष रख रहा है। सुनवाई के पहले दिन निर्मोही अखाड़ा ने अपना पक्ष रखते हुए जमीन पर अपनी दावेदारी पेश की थी। पांच जजों की संविधान पीठ के सामने अपना पक्ष रखते हुए निर्मोही अखाड़ा ने मंगलवार को कहा कि विवादित जमीन पर मुस्लिम पक्ष का कोई दावा नहीं बनता।

अयोध्या मामले (Ayodhya Land Dispute) को लेकर सुप्रीम कोर्ट की नियमित सुनवाई के दूसरे दिन आज निर्मोही अखाड़ा फिर से अपना पक्ष रख रहा है। सुनवाई के पहले दिन निर्मोही अखाड़ा ने अपना पक्ष रखते हुए जमीन पर अपनी दावेदारी पेश की थी।

Live Update:-

- चीफ जस्टिस ने निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील जैन से दो घंटे में रामजन्मभूमि से जुड़े साक्ष्य पेश करने को कहा। जस्टिस चंद्रचूड़ ने उन्हें असली दस्तावेज दिखाने की बात कही। जिसके जवाब में निर्मोही अखाड़ा के वकील ने कहा कि सभी दस्तावेज इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजमेंट में दर्ज हैं।

- सुप्रीम कोर्ट न मामले की सुनवाई करते हुए निर्मोहा अखाड़ा के वकील सुशील जैन से पूछा कि आपके पास इस बात का कोई सबूत है जिसमें आप ये साबित कर सकें कि विवादित जमीन पर आपका कब्जा है। जवाब में सुशील जैन ने कहा कि 1982 में एक डकैती हुई थी जिसके बाद उनके सारे कागजात खो गया। इसके बाद निर्मोही अखाड़े को अन्य सबूत पेश करने को कहा गया है।

- निर्मोही अखाड़े के वकील सुशील जैन की तरफ से मालिकाना हक के लिए जो तर्क दिए जा रहे हैं उससे चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आज जिस फैसले का उदाहरण दे रहे हैं वो सुप्रीम कोर्ट वीकली रिपोर्ट किताब से लिया गया है। या फिर सुप्रीम कोर्ट केसेस के आधार पर दे रहे हैं।

- चीफ जस्टिस ने कहा कि जो दस्तावेज उपलब्ध ही नहीं है उसका उदाहरण ने दें। वहीं वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने निर्मोही अखाड़ा के वकील से कहा आप जिस फैसले का उदाहरण दे रहे हैं उसकी प्रति हमें नहीं दी गई है।

- पांच जजो की संविधान पीठ ने निर्मोही अखाड़ा के वकील से पूछा आप किस आधार पर जमीन पर अपना मालिकाना हक जता रहे हैं, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि पूजा करना और मालिकाना हक जताना दोनों अलग बाते हैं। बिना मालिकाना हक के भी पूजा किया जा सकता है।

- निर्मोही अखाड़ा की तरफ से कहा गया कि सूट किसी भी आदेश के खिलाफ दाखिल किया जा सकता है। इसमें किसी तरह के टाइम लिमिटेशन की क्या जरूरत। सुशील जैन ने कहा कि वह विवादित भूमि पर ऑनरशिप और कब्ज की मांग कर रहे हैं।

- सुशील जैन ने कहा कि रामजन्मभूमि मामला कोई मालिकाना हक की लड़ाई नहीं है, ये तो कब्जे की लड़ाई है। विवादित जमीन पर हमेशा से अखाड़े का कब्जा रहा है इसलिए जमीन निर्मोही अखाड़े की है।

- निर्मोही अखाड़ा ने दूसरे दिन अयोध्या मामले से जुड़े इतिहास को अदालत के सामने रख रहा है।

- दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। सुशील जैन ने निर्मोही अखाड़े की तरह से पक्ष रखते हुए अखाड़ा पंजीकृत संस्था है। हमारा केस मूल रूप से संपत्ति और कब्जे को लेकर है।

पांच जजों की संविधान पीठ के सामने अपना पक्ष रखते हुए निर्मोही अखाड़ा ने मंगलवार को कहा कि विवादित जमीन पर मुस्लिम पक्ष का कोई दावा नहीं बनता। निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील जैन ने कहा कि 1934 के बाद रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद ढांचे में मुस्लिमों के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी थी। साथ ही अखाड़े ने कहा कि विवादित जमीन पर सैकड़ो वर्षों से मुस्लिमों का कब्जा रहा।


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