अयोध्या फैसले पर पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबार Dawn के संपादकीय में उठे कई सवाल, बताया नेहरूवादी आदर्श का अंत

दशकों पुराने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसले को लेकर विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का फैसला सुनाया है। इस फैसले के बाद देश विदेश की मीडिया ने अपने तरीके से प्रतिक्रियाएं दी हैं।
डॉन् न्यूज ने दी ये हेडिंग
पड़ोसी देश पाकिस्तान के न्यूज पेपर से लेकर मंत्रियों तक ने इस फैसले को लेकर सवाल उठाए हैं। पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबर डॉन न्यूज ने हेडिंग देते हुए कहा कि आधुनिक भारत के इतिहास में कुछ घटनाओं का ध्रुवीकरण किया गया है। जिसमें 1992 में बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया था।
फैसले की टाइमिंग को लेकर उठाए सवाल
डॉन न्यूज ने अयोध्या फैसले की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए हैं। 1992 में बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाये जानें को लेकर कहा कि हजारों हिंदू चरमपंथियों की भीड़ ने 16वीं शताब्दी में मस्जिद को हटाने की कोशिश की थी। जहां मस्जिद बनी है वहां पर राम जन्मभूमि थी, जिसे हिंदू अपने देवता का जन्म हुआ बताते हैं।
नेहरूवादी आर्दशों का अंत
इस घटना ने भारत में हिंदू-मुस्लिम संबंधों में हमेशा जहर घोला। हिंदू ने अपने अधिकार के लिए हमेशा काम किया और दिल्ली में अपने हिंदूओं की सत्ता बन ली। इस सत्ता पर हिंदूओं का कब्जा होने के बाद नेहरूवादी आर्दशों का अंत हो गया। जिससे दिखता है कि यह फैसला कैसा है।
बता दें कि बीते शनिवार को भारत की सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद की जगह पर एक मंदिर बनाने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने माना कि विंध्स अवैध था, मंदिर के निर्माण की अनुमति देकर मुस्लमानों के था अन्याय किया है। यह एक विडंबना है कि यह निर्णय उस दिन आया जब कारतारपुर कॉरिडोर को सिख तीर्थयात्रियों के लिए खोला गया।
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