Ayodhya Verdict : सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं और मुस्लिम के पक्ष में ये दिया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने आज राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में 5 जजों की संविधान पीठ ने इस मामले में आज फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया दिया है। साथ ही कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया है। तो चलिए जानते हैं सीजेआई ने मुस्लिम पक्ष और हिन्दू पक्ष के लिए क्या-क्या कहा है।
हिंदू पक्ष में फैसला
* सुप्रीम कोर्ट में शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज।
* खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी बाबरी मस्जिद।
* खुदाई में जो मिला वो इस्लामिक ढांचा नहीं है।
* 18वीं सदी तक नमाज का भी कोई रिकॉर्ड नहीं।
* मुस्लिम पक्ष दावा साबित करने में नाकाम
* अंग्रेजों के समय तक नमाज का कोई सबूत नहीं।
* मुस्लिमों ने इस बात के सबूत पेश नहीं किए कि 1857 से पहले स्थल पर उनका ऐक्सक्लुसिव कब्जा था।
* रामलला का दावा बरकार।
* पक्षकार गोपाल विशारद को पूजा का अधिकार।
* मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बानाने का आदेश।
* अयोध्या में राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ। मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी ट्रस्ट को दी गई है।
* मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार योजना बनाए।
* राम जन्मभूमि विवादित जमीन न्यास को दी गई।
मुस्लिम पक्ष में फैसला
* सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि बाबरी मस्जिद को मीर तकी ने बनाया था।
* सीजेआई रंजन गोगोई ने एएसआई रिपोर्ट के आधार पर अपने फैसले में कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है।
* हिन्दुओं की आस्था पर कोई विवाद नहीं है।
* आस्था और विश्वास के आधार पर मालिकाना हक का फैसला नहीं हो सकता है।
* अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिलेगी 5 एकड़ जमीन।
* 12वीं 16वीं सदी तक वहां क्या था इसका कोई सबूत नहीं है।
* हिंदू मुख्य गुंबद के नीचे राम जन्म का स्थान मानते हैं।
* सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का आदेश।
* शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज।
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