नहीं थम रहा एलोपैथी और आयुर्वेद विवाद, बाबा रामदेव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में उतरे डॉक्टर

नहीं थम रहा एलोपैथी और आयुर्वेद विवाद, बाबा रामदेव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में उतरे डॉक्टर
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फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन से लेकर आईएमए और डॉक्टरों के संगठन फिमा ने बाबा रामदेव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इनमें एक या दो नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से लेकर जम्मू कश्मीर, मध्यप्रदेश, राजनस्थान, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत रेजिडेंट डॉक्टरों ने इसमें हिस्सा लेने की बात कही है।

एलोपैथी चिकित्सा और आयुर्वेद को लेकर डॉक्टरों और बाबा रामदेव के चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसमें लगातार खाई और गहरी होती जा रही है। इस बीच ही जहां बाबा रामदेव फेसबुक पर लाइव आकर आईएमए (IMA) को चैलेज कर रहे हैं। वहीं अब डॉक्टरों के तमाम संगठन बाबा रामदेव के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। आज काली पट्टी पहनकर डॉक्टर बाबा रामदेव के खिलाफ विरोध जता रहे हैं। साथ ही काला दिन मना रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी इस प्रदर्शन का समर्थन किया है।

दरअसल, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन से लेकर आईएमए और डॉक्टरों के संगठन फिमा ने बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इनमें एक या दो नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से लेकर जम्मू कश्मीर, मध्यप्रदेश, राजनस्थान, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत रेजिडेंट डॉक्टरों ने इसमें हिस्सा लेने की बात कही है। इतना ही नहीं दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल के डॉक्टर भी बाबा के रामदेव के विरोध में आ गये हैं। इस विवाद को सुलझाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आकर बाबा रामदेव को डॉक्टरों के खिलाफ दिए अपने बयान को वापस लेने की बात कही थी। जिस पर बाबा ने अपना बयान वापस लिया, लेकिन आईएमए संतुष्ट नहीं हुआ। इसके चलते विवाद जारी रहा और डॉक्टरों के संगठन ने बाबा रामदेव को चुनौती देते हुए उनके खिलाफ थाने में शिकायत तक दे दी।

वहीं बाबा रामदेव लगातार सोशल मीडिया फेसबुक पर लाइव आकर एलोपैथी और डॉक्टरों को चुनौती दे रहे हैं। उन्होंने आयुर्वेद का पक्ष भी रखा। साथ ही कहा कि इसमें सभी इलाज है। उधर डॉक्टर बाबा रामदेव के खिलाफ डॉक्टरों के कई संगठन विरोध प्रदर्शन में उतर गये हैं। इनमें ज्यादातर राज्यों में स्थित एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल है। जिसे सरकार की चिंता भी बढ़ गई है।

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