बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने बनाई कोरोना वायरस की जांच टेस्ट किट, रिजल्ट को लेकर किया ये दावा

कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिक इसकी जांच पड़ताल में लगे हुए हैं। इसी दौरान भारत की बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने एक बड़ा दावा किया है। यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि उसने सबसे सटीक और नई तकनीक की एक मशीन इजाद की है। जिससे घंटे के अंदर कोरोनावायरस के संक्रमित की जांच का पता चल जाएगा और यह तकनीक है और बिल्कुल सटीक तकनीक है साथ ही इसके नेगेटिव आने की कोई गुंजाइश नहीं है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स का दावा है कि उसने 5-6 बजे में सटीक परिणाम देने के लिए कोरोना वायरस का परीक्षण करने के लिए एक नई तकनीक की खोज की है।
बीएचयू की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गीता राय ने मीडिया से बात करते हुए क्ष कि हमने कोरोना में मौजूद प्रोटीन अनुक्रम को लक्षित करने का प्रयास किया है। हमने केवल कोविद19 में मौजूद प्रोटीन अनुक्रम को लक्षित करने की कोशिश की है और किसी अन्य वायरल तनाव में मौजूद नहीं है। हमें उम्मीद है कि जब परीक्षण किया जाता है, तो यह केवल कोरोना वायरस की उपस्थिति का पता लगाएगा। इसलिए इसमें नेगेटिव की संभावना कम होगी।
उन्होंने आगे कहा कि आणविक और मानव आनुवंशिकी विभाग, बीएचयू यह डॉली दास, खुशबुप्रिया, हीरा थकर और मेरे सभी महिला टीम ने इसे बनाया है। हमने 27 मार्च पर पेटेंट दायर किया। यह केवल तभी सफल होगा जब एन आई वी द्वारा इसकी पुष्टि की जाएगी। जिसके बाद इसे आई सी एम आर द्वारा अनुमोदित किया जाना है।
वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस के खिलाफ इससे पहले एक महिला वैज्ञानिक ने देश में स्वदेशी टेस्टिंग किट तैयार की। जो महज ढ़ाई घंटे के अंदर संक्रमित लोगों का पता लगा देगी। यह एक स्वदेशी मशीन है जिसकी कीमत टेस्टिंग की 1200 रखी गई है, साथ ही इस मशीन को देश के कई अलग-अलग राज्यों में भेजा गया है।
इस महिला वैज्ञानिक ने बनाई स्वदेशी किट इस महिला वैज्ञानिक का नाम दखावे भोंसले है, जो वायरोलॉजिस्ट को वैज्ञानिक हैं। महिला डिस्कवरी की रिसर्च और डेवलपमेंट प्रमुख हैं। इनकी टीम ने 6 हफ्ते के अंदर ये किट तैयार की है। कंपनी का दावा है कि 1 हफ्ते के अंदर 1000 किट भारत के तमाम राज्यों में सप्लाई कर दी जाएगी। एक सैंपल की जांच के लिए 12 सौ रुपए का खर्च आएगा। जो बाहर कि विदेशी मशीन किट की कीमत 4,500 रुपए है। विदेशी किट के मुकाबले स्वदेशी ढाई घंटे में करेगी।
This has been developed by an all women team of Dolly Das, Khushbupriya, Hiral Thakar & me. We filed a patent on Mar27. It'll be successful only when its validated by NIV after which it has to be approved by ICMR: Asst Professor Dr. Geeta Rai, Dept of Molecular&Human Genetics,BHU pic.twitter.com/lETVZ88Gv0
— ANI UP (@ANINewsUP) March 31, 2020
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