भारतीय रेलवे के जनरल और स्लीपर डिब्बों के बाथरूम से नहीं आएगी बदबू, ये किया जाएगा बदलाव

भारतीय रेलवे के जनरल और स्लीपर डिब्बों के बाथरूम से नहीं आएगी बदबू, ये किया जाएगा बदलाव
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ट्रेनों में बायो टायलेट लगाने के बाद अब रेलवे जनरल व स्लीपर बोगियों के शौचालय की डिजाइन में बदलाव करने जा रहा है। जिससे यात्रियों को खासतौर पर गर्मी के सीजन में लाभ मिल सकेगा। अक्सर रेल यात्रियों की शिकायत रहती है कि टायलेट से गर्म पानी के साथ बदबू व गर्मी का एहसास होता है। जिसके बाद रेलवे ने ट्रेन के टायलेट को अपग्रेड करने की योजना बनाई है।

ट्रेनों में बायो टायलेट लगाने के बाद अब रेलवे जनरल व स्लीपर बोगियों के शौचालय की डिजाइन में बदलाव करने जा रहा है। जिससे यात्रियों को खासतौर पर गर्मी के सीजन में लाभ मिल सकेगा। अक्सर रेल यात्रियों की शिकायत रहती है कि टायलेट से गर्म पानी के साथ बदबू व गर्मी का एहसास होता है। जिसके बाद रेलवे ने ट्रेन के टायलेट को अपग्रेड करने की योजना बनाई है।

इसको लेकर रेलवे बोर्ड ने निशातपुरा कोच फैक्टरी सहित अन्य कोच फैक्टरी प्रबंधक को ट्रेन के टायलेट की एक विशेष प्रकार की डिजाइन भेजने के साथ अपग्रेड करने को कहा है। कोच फैक्टरी सूत्रों के अनुसार यह काम अप्रैल माह से शुरू होना था। लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देशभर में चल रहे लॉक-डाउन के वजह से शुरू नहीं हो पाया। अब यह काम लॉक-डाउन समाप्त होने के बाद शुरू होगा।

टायलेट से हटेगी खिड़की लगेगा विशेष ग्लास और फैन

रेलवे की ओर से स्लीपर व जनरल कोच के लिए जो नई डिजाइन बनाई है। इसके तहत टायलेट में लगी लोहे की खिड़की हटाने के साथ ही इनकी जगह पर एक विशेष प्रकार का ग्लास व एग्जास्ट फैन लगाया जाएगा। इससे गर्मी के सीजन में आने वाली लपेट नहीं आएगी। इसकी वजह से टायलेट से आने वाली बदूब पर भी रोक लग सकेगी। साथ ही बारिश के मौसम में पानी भरने की समस्यां भी दूर होगी। शौचालय के अंदर की हवा को बाहर निकालने के लिए एग्जास्ट फैन लगाया जाएगा।

पानी ठंडा रखने लगाई जाएगी विशेष प्रकार की खस

रेलवे ने टायलेट को लेकर जो नई डिजाइन बनाई है। इसमें ट्रेन के शौचालय के ऊपर मोटी स्टील पर कूलर में लगाई जाने वाली विशेष प्रकार की खस को लगाया जाएगा। जिससे गर्मी के मौसम में टायलेट का पानी गर्म नहीं होगा। साथ ही यात्री को ठंड का भी एहसास होगा।

पहले चरण में 60 कोच में होगा यह बदलाव

कोच फैक्टरी में पहले चरण में करीब 60 कोच की डिजाइन बदलने का लक्ष्य है। इसके बाद अगर इसके परिणाम सही आएंगे। तो आगे अन्य सभी ट्रेनों के कोचों में यह बदलाव किया जाएगा।

इनका कहना है

यात्री सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे की ओर से ट्रेन के स्लीपर व जनरल कोच की डिजाइन में बदलाव करने की योजना है। लेकिन अभी लॉक-डाउन की वजह से सभी काम बंद है।


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