Bengal Job Scam: अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से झटका, ईडी की जांच पर रोक से इनकार

Bengal Job Scam: तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच पर रोक लगाने से इनकार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अभिषेक बनर्जी की अपील पर सुनवाई की है। कोर्ट ने कहा कि अभिषेक बनर्जी चाहें, तो मामले को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में आवेदन दे सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी को कथित घोटाले की जांच करने का स्वतंत्र अधिकार है और वह अपनी जांच जारी रख सकती है। 28 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) के मामले में एक नई पीठ को सौंपने का आदेश दिया था। जस्टिस अमृता सिन्हा, जिन्होंने बनर्जी के मामले की नए सिरे से सुनवाई की थी। उन्होंने 18 मई को अभिषेक बनर्जी के अनुरोध को खारिज कर दिया। इसके बाद तृणमूल नेता ने सुप्रीम कोर्ट में आदेश को चुनौती दी थी।
Supreme Court refuses to interfere with the Calcutta High Court order which allowed Central agencies to question TMC leader Abhishek Banerjee in the matter relating to teachers' recruitment irregularities in West Bengal.
— ANI (@ANI) July 10, 2023
(File photo) pic.twitter.com/31SbWNRJNw
ईडी ने कहा है कि उसके पास धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत व्यक्तियों की जांच करने की शक्तियां हैं। इस महीने की शुरुआत में ईडी ने इसी जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी को पूछताछ के लिए बुलाया था।
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क्या है मामला
पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी और कई वरिष्ठ अधिकारियों को पैसे के बदले नौकरी घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 और 2021 के बीच पूरे पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों के रूप में नौकरी पाने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों से टीएमसी नेताओं द्वारा कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए गए थे। ईडी (ED) मामले में मनी लॉड्रिंग की जांच कर रही है।
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