Bengal Panchayat Election: कलकत्ता HC के फैसले के खिलाफ राज्य चुनाव आयोग ने किया SC का रुख, जानिए वजह

Bengal Panchayat Election: कलकत्ता HC के फैसले के खिलाफ राज्य चुनाव आयोग ने किया SC का रुख, जानिए वजह
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Bengal Panchayat Election: पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (Bengal SEC) ने कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है। इसमें कहा गया था कि पंचायत चुनाव के मद्देनजर राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती कर दी जाए।

Bengal Panchayat Election: पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (Bengal SEC) ने कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने अपने फैसले में कहा था कि बंगाल पंचायत चुनाव (Bengal Panchayat Election) के दौरान राज्य के जिलों में केंद्रीय बलों (Central Forces) की तैनाती कर दी जाए। वहीं, बता दें कि आज पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पंचायत चुनाव से संबंधित मामले पर चर्चा करने के लिए राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा को शनिवार को राजभवन में बुलाया है।

इससे पहले बीते गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एसईसी (SEC) को 48 घंटे के भीतर राज्य में पंचायत चुनाव के लिए पूरे पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती करने का निर्देश दिया था। हालांकि, कोर्ट के निर्देश देने के बाद भी कोई उचित कदम नहीं उठाए गए।

हाई कोर्ट में दायर हुई पुनर्विचार याचिका

कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। ममता बनर्जी ने उच्च न्यायालय से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। इस बीच राज्य चुनाव आयोग (SEC) कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। साथ ही, कांग्रेस नेता अबू हसीम खान ने भी पहले ही एससी में कैविएट दायर कर रखी है।

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भाजपा और कांग्रेस ने हिंसा का हवाला दिया

भाजपा के शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी सहित कई विपक्षी नेताओं ने बंगाल में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इन्होंने अपनी याचिका में बंगाल (Bengal Violence) में पहले हुई हिंसा का हवाला दिया था। साथ ही, वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव नामांकन के दौरान हुई हिंसा को लेकर इसे देश के लोकतंत्र का एक काला अध्याय बताया था।

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