अकाली दल का बड़ा ऐलान: राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का करेंगे समर्थन, कांग्रेस को नकारा

अकाली दल का बड़ा ऐलान: राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का करेंगे समर्थन, कांग्रेस को नकारा
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राष्ट्रपति चुनाव (President Election) के लिए शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने भी उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगा दी है।

राष्ट्रपति चुनाव (President Election) के लिए शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने भी उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगा दी है। अकाली दल की शुक्रवार को बैठक हुई और इसमें पार्टी ने विपक्ष के उम्मीदवार का समर्थन न करते हुए एनडीए उम्मीदवार का खुला समर्थन किया। साथ ही कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों के उम्मीदवार का समर्थन न करने की वजह भी बताई।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अकाली चीफ सुखबीर सिंह बादल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि पार्टी ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है। चंडीगढ़ में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि शिरोमणि अकाली दल की सोच बहुत स्पष्ट है। अकाली दल कभी भी ऐसे उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेगा जो कांग्रेस का उम्मीदवार होगा।

अकाली दल ने कांग्रेस के उम्मीदवार का समर्थन न करते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा सिख समुदाय पर किए जा रहे अत्याचारों को देखते हुए हम कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन नहीं देंगे और न ही कभी साथ जाएंगे। श्री हरमंदिर साहिब पर हमला किया है, सिखों पर अत्याचार किया है, हम इसके साथ कभी नहीं खड़े हो सकते। बता दें इस बार राष्ट्रपति चुनाव में एक तरफ एनडीए उम्मीदवार द्रौपी मुर्मू हैं और दूसरी तरफ विपक्ष ने एकजुट होकर यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

जानें कौन हैं एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू

ओड़िशा की रहने वाली द्रौपदी मुर्मू ने अपने करियर की शुरुआत पार्षद का चुनाव जीतकर की थी, जो आज भी अलग अलग पदों पर जारी है। बैदपोसी गांव में 20 जून 1958 को जन्मी द्रौपदी मुर्मू आदिवासी जातीय समूह संथाल से संबंध रखती हैं। द्रौपदी अपने पति और दो बेटों को खो चुकी हैं। उनकी एक बेटी है जिसका नाम इतिश्री मुर्मू है। राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के तौर पर काम किया है। भाजपा की आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रहीं। मुर्मू ने 2000 और 2009 में ओडिशा के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से भाजपा के टिकट पर दो बार जीत हासिल की और 9 साल तक ओडिशा विधानसभा की सदस्य भी रहीं। इसी दौरान द्रौपदी मुर्मू मई 2015 में झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनीं। वह 2015 से 2021 तक झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी थीं। साथ ही वह किसी भी भारतीय राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी भी हैं।

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