मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का बड़ा अभियान: महिलाएं पढ़ सकेंगी मस्जिद-ईदगाहों में नमाज!, शादी की न्यूनतम उम्र पर भी जल्द फैसला

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का बड़ा अभियान: महिलाएं पढ़ सकेंगी मस्जिद-ईदगाहों में नमाज!, शादी की न्यूनतम उम्र पर भी जल्द फैसला
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अब देश में मुस्लिम महिलों (Muslim Women) के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (Muslim Rashtriya Manch) के नेतृत्व में एक बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है।

अब देश में मुस्लिम महिलों (Muslim Women) के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (Muslim Rashtriya Manch) के नेतृत्व में एक बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। इस अभियान के तहत शादी की न्यूनतम उम्र तय करने और महिलाओं को मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा करने की इजाजत देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। ताकि मुस्लिम महिलाओं को भी उनके अधिकार मिलें।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक इंद्रेश कुमार के नेतृत्व इस अभियान को चलाया जा रहा है। इस मंच से चल रहे विधानसभा चुनाव के दौरान मुस्लिम महिलाओं को जोड़ने का का अभियान चलाया था। चुनावी माहौल के बीच इंद्रेश कुमार और उनकी टीम ने यूपी और उत्तराखंड के कई जिलों का दौरान किया और मुस्लिम महिलाओं से संपर्क किया और उनसे इस अभियान से जुड़ने के लिए कहा गया।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का कहना है कि वह मुस्लिम समाज में रहने वाली महिलाओं के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करना चाहता है। इसमें विवाह की न्यूनतम आयु के समान अधिकार के लिए अभियान चलाया गया है। साथ ही मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने दावा करते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाओं को नमाज अदा करने के समान अधिकार मिलना चाहिए। उनके लिए भी मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज होनी चाहिए। वहीं शादी की न्यूनतम उम्र तय होनी चाहिए। अभी मुस्लिम समाज में 12-14 साल की बच्ची की शादी कर दी जाती है और 18 साल छोटी उम्र में बच्चे भी हो जाते हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में इस मंच से समाज के कई प्रतिष्ठित लोगों के साथ मंथन होगा।

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