Bihar Caste Survey: जातीय गणना पर CM नीतीश की बैठक खत्म, 9 पार्टीयों के नेता हुए शामिल, ये हुई चर्चा

Bihar Caste Survey: बिहार में जाति जनगणना रिपोर्ट पर आज मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जाति आधारित आंकड़ों पर चर्चा की गई, जिसमें जेडीयू, आरजेडी, बीजेपी और कांग्रेस समेत राज्य की सभी नौ पार्टियों के नेता शामिल हुए। वहीं, जाति जनगणना रिपोर्ट को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है। इसको लेकर कोर्ट शुक्रवार यानी 6 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। इस बैठक में नीतीश सरकार ने सभी पार्टियों के सामने रिपोर्ट पेश की और आर्थिक सर्वेक्षण पर चर्चा की।
जानें किसकी कितनी आबादी
बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछड़ा वर्ग जनसंख्या का 27 प्रतिशत है, जबकि अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36 फीसदी है। अनुसूचित जातियां 19 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं और अनुसूचित जनजातियां 1.68 फीसदी हैं। उच्च जातियां, या सवर्ण, जनसंख्या का 15.52 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं। ओबीसी में, यादव सर्वेक्षण की गई आबादी का 14.26 प्रतिशत हैं, जबकि कुशवाहा और कुर्मी कवर की गई आबादी का 4.27 और 2.87 प्रतिशत हैं।
जातीय जनगणना के दोनों चरण पूरे
सर्वेक्षण का पहला चरण घरों को चिह्नित करना और परिवार के सदस्यों और उनके मुखिया का नाम नोट करना था, जबकि सर्वेक्षण का दूसरा चरण जाति सहित 17 सूत्री सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर प्रोफार्मा भरना था, जो पूरा हो चुका है। इन निष्कर्षों की घोषणा करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व विकास आयुक्त विवेक सिंह ने किया। जाति-आधारित सर्वेक्षण के खिलाफ कानूनी चुनौतियों और कुछ राजनीतिक दलों के विरोध का सामना करने के बावजूद, बिहार सरकार ने कहा कि सर्वेक्षण सामाजिक न्याय के लिए महत्वपूर्ण था।
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बिहार सरकार द्वारा जारी जातीय सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, ब्राह्मण 3.65 फीसदी (4781280), राजपूत 3.45 प्रतिशत , कायस्थ 0.60 फीसदी, कुर्मी 2.87 प्रतिशत, कुशवाहा 4.27 प्रतिशत, तेली 2.8131 फीसदी, भूमिहार 2.89 प्रतिशत, धानुक 2.13 प्रतिशत, सुनार 0.68 प्रतिशत, कुम्हार 1.04 प्रतिशत, बढ़ई 1.45 फीसदी ,यादव 14.26 फीसदी और नाई 1.59 फीसदी, मुसहर 3.08 फीसदी है। बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना का पहला चरण 7 जनवरी को शुरू किया गया था। सबसे पहले इसमें मकानों की गिनती की गई थी। उसके बाद दूसरे चरण में परिवारों की संख्या, आवास, इनकम जैसे आंकड़े जुटाए गए।
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