Bihar Caste Census: बिहार जातीय जनगणना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, 6 अक्टूबर को होगी सुनवाई

Bihar Caste Census: बिहार जातीय जनगणना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, 6 अक्टूबर को होगी सुनवाई
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Bihar Caste Census: बिहार सरकार द्वारा जातीय जनगणना के आकंड़े जारी करने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट इस पर सुनवाई के लिए 6 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

Bihar Caste Census: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने सोमवार को जातीय जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए। इनमें यह खुलासा हुआ कि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) राज्य की कुल आबादी का 63 फीसदी है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि जातीय जनगणना राज्य के गरीबों और जनता के बीच भ्रम फैलान से ज्यादा कुछ नहीं करेगी। इसी बीच अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट मामले पर 6 अक्टबूर को सुनवाई करेगा।

मामले पर 6 अक्टूबर को होगी सुनवाई

बिहार सरकार (Bihar Government) द्वारा जारी किए गए आंकड़े पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जातिगत आधारित जनगणना के डेटा को जारी कर दिया गया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से कहा गया कि हम इस मामले पर अभी कुछ नहीं कर सकते हैं। इस मामले को पर हम 6 अक्टूबर को सुनवाई करेंगे।

बिहार के सीएम ने बुलाई सर्वदलीय मीटिंग

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) आज एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें उनकी सरकार द्वारा सोमवार को घोषित जाति सर्वेक्षण के नतीजों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक इन अटकलों के बीच बुलाई गई है कि बिहार का सत्तारूढ़ गठबंधन जातीय जनगणना के अनुसार नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में उनकी आबादी के अनुपात में पिछड़ी जातियों के लिए कोटा बढ़ाने का प्रस्ताव कर सकता है।

बिहार में की गई सभी जातियों की गिनती

जातिगत सर्वे में आजादी के बाद पहली बार सभी जातियों की गणना की गई है और दिखाया गया कि पिछड़े समुदायों में बिहार की आबादी का लगभग दो-तिहाई हिस्सा शामिल है। भारत की दस साल में होने वाली जनगणना में केवल अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की गणना की जाती है। सर्वे की नतीजे आने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना के सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी और सभी पार्टियों की राय ली जाएगी। उसी के हिसाब से आगे कदम उठाए जाएंगे।

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