आयुष्मान भारत योजना को लेकर लोकसभा में हुई नोंकझोंक, TMC और BJP सांसदों के बीच कहासुनी

आयुष्मान भारत योजना को लेकर लोकसभा में हुई नोंकझोंक, TMC और BJP सांसदों के बीच कहासुनी
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केंद्र सरकार द्वारा जरूरतमंदों तक इलाज की बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से शुरु की गई पांच लाख रुपए तक की कैशलैस ट्रीटमेंट की आयुष्मान भारत योजना को लेकर शुक्रवार को लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली। इसकी शुरुआत सुबह सदन में प्रश्नकाल के दौरान बंगाल के एक सांसद द्वारा सूबे में उक्त योजना को न लागू करने का मसला उठाने के साथ हुई।

केंद्र सरकार द्वारा जरूरतमंदों तक इलाज की बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से शुरु की गई पांच लाख रुपए तक की कैशलैस ट्रीटमेंट की आयुष्मान भारत योजना को लेकर शुक्रवार को लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली। इसकी शुरुआत सुबह सदन में प्रश्नकाल के दौरान बंगाल के एक सांसद द्वारा सूबे में उक्त योजना को न लागू करने का मसला उठाने के साथ हुई।

जिसके जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने कहा कि इसी साल जनवरी 2019 में प्रदेश सरकार ने इसपर रोक लगाकर एक अन्य कैशलैस इलाज की योजना लागू कर दी है। आयुष्मान भारत योजना को राजनीति के चश्मे से देखने की जरूरत नहीं है। बल्कि इसे जनता के हित के नजरिए से देखा जाना चाहिए। अगर इसका लाभ राज्य को चाहिए तो इसके लिए सांसद महोदय को प्रदेश की सीएम को राजी करना पड़ेगा। यह सुनते ही विपक्षी टीएमसी के सांसदों ने अपनी सीटों पर खड़े होकर शोर-शराबा करना शुरु दिया। जिसका सत्तापक्ष से भी कड़ा विरोध किया गया।

न करें बंगाल की पब्लिसिटी

इस हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने टीएमसी के नेता सदन सुदीप बंदोपाध्याय को मामले से जुड़ा एक प्रश्न पूछने का मौका दिया तो उन्होंने सीधे कैशलैस इलाज की बंगाल की योजना का जिक्र करते हुए केंद्र पर सूबे पर अनावश्यक रुप से निशाना साधने का आरोप मढ़ दिया। इसपर अध्यक्ष ने नाराजगी भरे लहजे में उन्हें टोकते हुए कहा कि आप सदन में पश्चिम-बंगाल की पब्लिसिटी न करें। केवल अपना सवाल पूछे।

जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बंगाल के लोगों को वहां की सरकार डेढ़ लाख रुपए तक के कैशलैस इलाज की ही सुविधा देती है। जबकि हम 5 लाख रुपए तक यह सुविधा दे रहे हैं। सूबे के ही एक कैंसर के मरीज ने केंद्र को पत्र लिखकर आयुष्मान भारत योजना को वहां रोके जाने के बारे में सूचित किया था। वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना बंगाल के अलावा दिल्ली, तेलंगाना, ओड़िशा, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों द्वारा भी लागू नहीं की गई है। इसमें ओड़िशा और पंजाब में इसके जल्द लागू होने की संभावना फिलहाल नजर आ रही है।

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