जेपी नड्डा ने अखिलेश यादव पर 15 आतंकियों को बचाने का आरोप लगाया, बसपा पर भी गरजे राष्ट्रीय अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश के बस्ती में एक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक सार्वजिनक रैली को संबोधित किया। इस दौरान जेपी नड्डा ने अखिलेश यादव और मायवाती पर जमकर निशाना साधा। जनसभा को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि जन विश्वास यात्रा जो उत्तर प्रदेश में 6 स्थानों से शुरु हुई थी, इसका आज समापन हो रहा है। करीब 403 विधानसभा क्षेत्रों से घूमते हुए, 4 करोड़ से भी ज्यादा लोगों से संपर्क करते हुए आज ये यात्रा समापन की ओर बढ़ी है। यात्रा को पूरे प्रदेश में बड़ा जनसमर्थन मिला है। हमारे हजारों कार्यकर्ता जन विश्वास यात्रा में निकले हैं।
क्या अखिलेश जी, मायावती जी जन विश्वास यात्रा निकालने की हिम्मत कर सकते हैं। यही भाजपा और अन्य दलों की संस्कृति का अंतर है। जो कहा था, वो किया है और जो कहेंगे, वो करेंगे, ये ताकत भाजपा में है। भाजपा ने लोगों को जोड़ा है, विपक्षियों ने लोगों को बांटा है। हमने लोगों को कहा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास। उन्होंने लोगों को धर्म पर बांटा, उनको जिन्ना की जरूरत पड़ गई। जो वोटबैंक की राजनीति करते थे, उनकी आज हालत खराब है। क्योंकि वोटबैंक की राजनीति को पीएम मोदी ने समाप्त कर दिया और विकासवाद को लेकर आए हैं।
जातिवाद, क्षेत्रवाद, वंशवाद, तुष्टिकरण से सभी अब धराशायी हो गए हैं। चुनाव में हम अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर जा रहे हैं। हमारे पास सुशासन है, विपक्षियों के पास कुशासन है। हम कहते हैं गुड गवर्नेंस, वो कहते हैं बैड गवर्नेंस। उत्तर प्रदेश में अब फर्क साफ दिखता है। अब योजनाओं का पैसा सीधे लोगों के बैंक खाते में जाता है। अखिलेश जी के समय में पैसा सीधा उनके ही खाने के लिए जाता था। अखिलेश सरकार ने युवाओं को लेपटॉप देने का वादा किया था।
इसके लिए 15 लाख लैपटॉप खरीदे, लेकिन बंटे सिर्फ 6.25 लाख, बाकी लेपटॉप कहां गए? योगी जी की सरकार ने युवाओं को 1 लाख लेपटॉप व स्मार्ट फोन बांटे हैं, आगे चलकर 1 करोड़ युवाओं को लेपटॉप व स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। अखिलेश जी ने 15 आतंकियों को बचाने के लिए उनके मुकदमे वापस लिए थे। लेकिन कोर्ट ने इसकी इजाजत नहीं दी। बाद में उनमें से 4 को सजा ए मौत और बाकी को आजीवन कारावास हुआ। क्या आतंकियों को बचाने वाली ऐसी सरकार आपको चाहिए?
भाजपा ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को आगे बढ़ाया, तो विपक्षी भी घंटी बजाने को मजबूर हुए। जिन्होंने कभी आचमन करना नहीं सीखा, जिन्हें चरणामृत पीना तक नहीं आता था, वो भी आज चंदन लगाकर भाषण दे रहे हैं। योगी सरकार ने 1.40 लाख करोड़ रुपये गन्ना किसानों को भुगतान किया है। 11 हजार करोड़ रुपये पिछली अखिलेश की सरकार का बकया भुगतान किया है। मायावती जी की सरकार में 21 चीनी मिलें कौड़ियों के भाव बेच दी गई और 18 चीनी मिले बंद हो गई। अखिलेश की सरकार में 11 चीनी मिले बंद हो गई थी। योगी जी के शासन में तीन नई चीनी मिले शुरू हो गई हैं और 54 चल रही हैं।
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