Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट में BJP का दावा, सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि...

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट में BJP का दावा, सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि...
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महाराष्ट्र (Maharashtra) में राजनीतिक उथलपुथल के बीच बीजेपी (BJP) के एक नेता ने बड़ा दावा कर दिया है। वहीं बागी नेताओं ने डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर कोर्ट में फैसले को चुनौती देने के लिए कहा है।

महाराष्ट्र (Maharashtra) में राजनीतिक उथलपुथल के बीच बीजेपी (BJP) के एक नेता ने बड़ा दावा कर दिया है। दावा करते हुए कहा कि शिवसेना (Shivsena) को पूरी तरह से कमजोर किया जा रहा है। इसलिए केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें चुप रहने को कहा है। नाम न छापने की शर्त पर भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा को महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा करने की कोई जल्दी नहीं है। अभी हम और इंतजार करेंगे।

बीजेपी नेता ने साफ शब्दों में कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना के विद्रोह का नगरपालिका और स्थानीय प्रशासन के स्तर पर असलीयत सामने आए। इतना ही नहीं महाराष्ट्र में मौजूदा सत्ता संघर्ष न केवल राज्य में सत्ता परिवर्तन के लिए है। बल्कि शिवसेना के समर्थकों को आश्वस्त कर हिंदुत्व के मुद्दे पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बीजेपी का यह ठोस कदम है।

उऩ्होंने कहा कि इसी दिशा में हमारी पार्टी शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े को शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के आदर्श को मजबूत करना है। और हमारा सम्रथन है। ताकि अधिक से अधिक बागी विधायक उनके पक्ष में आ सकें। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे ने विश्वासघात किया और बीजेपी को नुकसान पहुंचाया।

उन्होंने एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिला कर महाराष्ट्र में अघाड़ी की सरकार बनाई। दशकों से चले आ रहे भगवा से गठबंधन को तोड़ दिया। शिवसेना में बगावत महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की सरकार बनने के बाद से चल रही है। आगे कहा कि एकनाथ शिंदे ने बागी विधायकों के शुरुआती समूह का नेतृत्व किया और उन्हें गुजरात ले गए। जिसने शिवसेना की योजना को तोड़ने की योजना को तेज किया। शिंदे की नाराजगी का मुख्य कारण अपने शहरी विकास विभाग पर मुख्यमंत्री और उनके वफादारों का कड़ा नियंत्रण था। आगे बोलते हुए कहा कि केंद्रीय नेतृत्व के सुझाव के कारण महाराष्ट्र भाजपा के नेता चुप हैं। पिछले कुछ दिनों में शिंदे कैंप में बागियों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में कहीं ना कहीं महा विकास अघाड़ी की सरकार कमजोर हो चली है।

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