'संसद में घुसपैठ करने वालों से किसान संगठनों का कोई वास्ता नहीं', राकेश टिकैत ने दिया बड़ा बयान

संसद और संसद के बाहर हंगामा करने वाले पांच आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन एक की तलाश अभी तक जारी है। हंगामा करने वालों में नीलम भी शामिल हैं, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वो किसान आंदोलन के समय से मोदी सरकार के खिलाफ मुखर रही है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया जा रहा है कि किसान आंदोलन नीलम की रिहाई की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने की रणनीति में जुट गई है। यह खबर सामने आते ही भारतीय किसान यूनियन ने अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा और बीकेयू का इन लोगों से कोई वास्ता नहीं है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि संसद पर हुआ घटनाक्रम घोर निंदनीय है। मीडिया में संयुक्त किसान मोर्चा का नाम लेकर चलाई गई खबर एकदम निराधार है। एसकेएम या बीकेयू का इससे कोई वास्ता नहीं है। राकेश टिकैत के इस ट्वीट को बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भी रिट्वीट किया है।
नीलम कौर बेरोजगार है या आंदोलनजीवी
42 वर्षीय नीलम कौर हरियाणा के जींद की रहने वाली हैं। उसके परिजनों के मुताबिक वह हिसार में पढ़ाई कर रही है। नीलम के भाई ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा था कि नीलम बीए बीए, एमए, बी.एड, एम.एड, एम.फिल, सीटीईटी और नेट पास कर चुकी है। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि वो किसी संगठन से जुड़ी है। उसके दिल्ली में प्रदर्शन करने की जानकारी टीवी से मिली थी। उधर, नीलम की मां ने कहा कि वो लंबे समय से बेरोजगार थी और नाराज थी। नीलम के शिक्षित होने के बावजूद बेरोजगार होने की दलील देकर कई नेता सरकार पर हमले बोल रहे हैं। उधर, पलटवार करने वाले सवाल पूछ रहे हैं कि वो बेरोजगार है या आंदोलनजीवी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नीलम किसान आंदोलन से जुड़ी रही है, लेकिन अब विशेषकर भाकियू ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका किसान संगठनों से कोई सरोकार नहीं है।
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