कोरोना के बाद देश में बढ़ रहे ब्लैक फंगस के मामले, इन राज्यों में सामने आए हजारों मरीज

कोरोना की दूसरी लहर अभी शांत भी नहीं हुई थी कि ब्लैक फंगस ने डॉक्टरों की चिंता एक बार फिर से बढ़ा दी है। ब्लैक फंगस यानि म्यूकरमाइकोसिस ने डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है। यह बहुत ही जानलेवा बीमारी है। जो अब कोरोना के मरीजों में तेजी से फैलती जा रही है। एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी कहा कि आने वाले दिनों में देश में इसके मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। अब इस बीमारी से लड़ने के लिए तैयार रहना होगा। अब तक महाराष्ट्र समेत उत्तर प्रदेश और अन्य कई जिलों में ब्लैक फंगस के कई सौ मरीज मिल चुके हैं। इनमें कई की जान भी जा चुकी है।
दरअसल म्यूकरमाइकोसिस नाम की बीमारी को ब्लैक फंगस भी कहा जाता है। यह कोरोना संक्रमण के बाद ठीक हुए मरीजों के अंदर मिल रही है। इससे मरने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक है। इतना ही नहीं लोग इससे अंधे हो गये हैं। वहीं ब्लैक फंगस ने स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जिसने अपने सभी संसाधनों को कोविड-19 से लड़ने में लगा रखा है।
यह है म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षण
अब तक कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों में मिल रही ब्लैक फंगस यानि म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षण कुछ इस तरह के हैं। इसमें व्यक्ति के आंख और नाक के पास त्वचा लाल हो जाती है। बुखार, सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में समस्या और खून की उल्टी जैसी समस्या हो जाती है। इतना ही नहीं इससे मानसिक स्थिति में भी बदलाव होने लगता है। डॉक्टरों के अनुसार, इस बीमारी में मधुमेह और कमजोर इम्यूनिटी वाले कोविड-19 मरीज में चेहरे पर सूजन और आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता है।
इन राज्यों में मिल रहे ब्लैक फंगस के ज्यादातर मामले
म्यूकोरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मामले गुजरात में सामने आये हैं। यहां सरकारी अस्पताल में ब्लैक फंगस के करीब 500 से ज्यादा संक्रमित मरीज सामने आये हैं। वहीं महाराष्ट्र में 270, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, मेरठ और गौतमबुद्ध नगर में भी इसके मरीज मिले हैं। मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस के संबंधित हर दिन 200 से ज्यादा कॉल आ रहे हैं। वहीं बिहार में ब्लैक फंगस के 30 से ज्यादा मामले मिल चके हैं। राजस्थान में भी ब्लैक फंगस के 50 मरीज सामने आए हैं। वहीं हरियाणा भी इससे अछूता नहीं रहा है। हरियाणा में ब्लैक फंगस के 7 मरीज मिले हैं। वहीं केरला में भी इस बीमारी से लड़ने और मरीजों को डिटेक्ट करने के लिए नमूने एकत्र किये जा रहे हैं।
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