Morbi Bridge Collapse: टेम्परेरी मरम्मत कर खोला पुल, सामने आया ओरेवा कंपनी का चौंकाने वाला लेटर

30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे (Morbi bridge accident) में 135 लोगों की मौत हो गई है। जिसके बाद पुल बनाने वाली कंपनी और स्थानीय प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। मोरबी नगर पालिका (Morbi Municipality) ने 15 साल के लिए पुल की मरम्मत और संचालन का ठेका ओरवा ग्रुप को दिया था। अब ओरेवा ग्रुप पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं। इसी बीच ओरेवा ग्रुप की ओर से एक पत्र सामने आया है, जिसे जनवरी 2020 में मोरबी के जिला कलेक्टर (District Collector) को भेजा गया था।
उस पत्र में कहा गया है कि अगर कंपनी को पुल का परमानेंट कॉन्ट्रेक्ट (Permanent Contract) नहीं मिलता है, तो पुल की पूरी मरम्मत नहीं हो पाएगी। जिसे देखते हुए हम केवल अस्थाई मरम्मत कर पुल को फिर से खोल रहे हैं। पत्र में यहां तक कहा गया है कि यदि केवल रिपेयरिंग का ही काम किया जाना है तो कंपनी मरम्मत के लिए कोई सामग्री या सामान का ऑर्डर नहीं देगी। शर्त रखी गई कि जब तक परमानेंट कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिल जाता, काम पूरा नहीं किया जाएगा।
ओरेवा कंपनी ने पत्र में साफ लिखा है कि वह इस ब्रिज को सिर्फ अस्थाई रिपेयर (Temporary repair) करके ही खोलेगी। वहीं इस पत्र के सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या स्थायी ठेका न मिलने के कारण ओरेवा कंपनी ने अपना काम ठीक से नहीं किया? क्या जिस प्रकार की सामग्री का उपयोग किया गया था, मरम्मत में आवश्यक चीजों की अनदेखी की गई ? मोरबी के कलेक्टर की ओर से ओरेवा कंपनी को जो पत्र निकला है, वह कंपनी को कटघरे में खड़ा करता है।
बता दें कोर्ट ने पुल गिरने के मामले में गिरफ्तार (Arrested) ओरेवा समूह के दो प्रबंधकों समेत चार आरोपियों को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुल गिरने की घटना के सिलसिले में पुलिस ने अबतक कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है। कोर्ट ने पुल के टिकट बुकिंग क्लर्क और सुरक्षा गार्ड समेत पांच अन्य आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा है।
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