बजट 2019-20: कुछ सरकारी बैंकों को 30,000 करोड़ की मदद की उम्मीद

बजट 2019-20: कुछ सरकारी बैंकों को 30,000 करोड़ की मदद की उम्मीद
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हाल ही में नीति आयोग की पहली बैठक में भारत को 2014 पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इस बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार को बड़े कदम भी उठाने होंगे। आगामी पांच जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हाल ही में नीति आयोग की पहली बैठक में भारत को 2014 पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इस बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार को बजट में बड़े कदम भी उठाने होंगे। आगामी पांच जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी।

इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि इस बजट में मोदी सरकार बैंकिंग क्षेत्र के लिए कई सुधारवादी नीतयां लेकर आएगी। चालू वित्त वर्ष (2019-20) में न्यूनतम नियामकीय जरुरत पूरा करने के लिए सरकार बजट में चुनिंदा सरकारी बैंकों के लिए कुल 30,000 करोड़ का प्रावधान कर सकती है।

खबर है कि वित्त मंत्रालय सरकारी बैंकों की पूंजीगत जरुरत का आंकलन कर रहा है। बता दें कि यह बजट ऐसे समय में पेश होने जा रहा है, जब आर्थिक विकास दर पांच वष के निचले स्तर पर है और बेरोजगारी पिछले 45 सालों में उच्चतम स्तर पर है।

सूत्रों के मुताबिक बैंक को विभिन्न क्षेत्रों को कर्ज देने के लिए भी पूंजी की जरूरत है जो पांच बैंक करेक्टिव के दायरे में है, उन्हें भी बासेल-3 नियमों के पालन के लिए न्यूनतम पूंजीगत स्तर बरकार रखना है। इसके अलावा सरकारी क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक में तीन चार छोटे बैंकों के विलय का भी प्रस्ताव है, जिसके लिए सरकार को अतिरिक्त पूंजी निवेश करना होगी।

सूत्रों के मुताबिक बैंक को विभिन्न सेटर को कर्ज देने के लए भी पूंजी क जरूरत है जो पांच बैंक करेक्टिव के दायरे में है, उन्हें भी बासेल-3 नियमों के पालन के लिए न्यूनतम पूंजीगत स्तर बरकार रखना है। इसके अलावा सरकारी क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक में तीन चार छोटे बैंकों के विलय का भी प्रस्ताव है, जिसके लिए सरकार को अतिरिक्त पूंजी निवेश करनी होगी।

बीते वर्ष सरकार बैंक ऑफ बड़ोदा, देना बैंक औऱ विजया बैंक का विलय कर चुकी है। बैंक ऑफ बड़ौदा का पूंजी आधार बढ़ाने के लिए सरकार ने उसमें 5042 करोड़ रूपये का निवेश किया। पिछले वित्तीय वर्ष (2018-2019) में सरकार ने 1.06 लाख करोड़ रूपये की वित्तीय मदद दी थी।

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