Budget 2019 : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने तोड़ी 70 साल की पुरानी परंपरा, ये थी वजह

मोदी सरकार-2 का पहला बजट पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पढ़ रही हैं। इस बार उन्होंने वर्षों की परंपरा से हटकर बजट ब्रीफकेस का प्रयोग नहीं किया। निर्मला सीतारमण ने इस बार बजट का दस्तावेज एक लाल रंग के मखमली कपड़े में लपेटकर संसद में पहुंचीं, कपड़े पर भारत का राजकीय चिन्ह अशोक का छाप बना हुआ था।
Chief Economic Advisor Krishnamurthy Subramanian on FM Nirmala Sitharaman keeping budget documents in four fold red cloth instead of a briefcase: It is in Indian tradition. It symbolizes our departure from slavery of Western thought. It is not a budget but a 'bahi khata'(ledger) pic.twitter.com/ZhXdmnfbvl
— ANI (@ANI) July 5, 2019
इस पर जब पत्रकारों ने पूछा की इस बार परंपरा से हटकर ऐसा क्यों किया गया तो मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यम ने कहा कि वित्त मंत्री ने ऐसा इसलिए किया कि हम वर्षों से अंग्रेजों के गुलामी का प्रतीक ढो रहे थे। इस बार हमनें पश्चिमी विचारों से निकलकर भारतीय परंपरा को अपनाया है। लाल रंग का कपड़ा भारतीय परंपरा का एक प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह 'बजट' नहीं है, यह 'बही खाता' है।
गौरतलब है कि आजादी के बाद से ही अंग्रेजों द्वारा शुरू की गई बजट ब्रीफकेस की परंपरा को हम ढोते आ रहे हैं। हर बार संसद में बजट पेश करने से पूर्व तरह-तरह के रंगों के ब्रीफकेस में बजट का दस्तावेज लेकर वित्तमंत्री संसद पहुंचते हैं। इस बार भाजपा की मोदी सरकार ने अंग्रेजों की यह परंपरा भारतीय राजनीति से खत्म कर दी है। अब देखना यह है कि अन्य दल इसका पालन करती है या नहीं।
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