Budget 2019 Highlights : जानिए कैसे बनता है बजट और क्या होता है रक्षा मंत्री का काम

Budget 2019 Highlights : 17वीं लोकसभा का पहला बजट 5 जुलाई को मोदी सरकार 2.0 के दूसरे कार्यकाल में पहली रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने और संसदीय दल की बैठक के बाद संसद में पेश किया जाता है। इससे पहले आम चुनाव से पहले एक फरवरी को मोदी सरकार ने अपना अंतरिम बजट पेश किया था।
रक्षा मंत्री पर बजट की जिम्मेदारी
बजट बनाने से लेकर पेश करने तक की पूरी जिम्मेदारी रक्षा मंत्री पर होती है। इसकी तैयारी 6 महीने पहले ही शुरू हो जाती है। रक्षा मंत्री सभी लोगों से मुलाकात और बैठके करते हैं कि विकास और योजनाओं को कैसे लागू किया जाए। टैक्स में कितनी छूट दी जाए। किसानों और नौकरी करने वालों के लिए क्या होना चाहिए बजट में। साफ शब्दों में कहें तो आर्थिक मामलों का विभाग और राजस्व विभाग के अर्थशास्त्रियों, कारोबारियों, किसान और सिविल सोसाइटी जैसे हितधारकों के साथ वित्त मंत्री बैठक करते हैं और उनसे रिपोर्ट मांगी जाती है।
जानें वित्त मंत्री की टीम में शामिल लोग
5 जुलाई को पेश होने वाले बजट को रक्षा मंत्री की टीम तैयार करत है। इसमें कुछ अधिकारी, स्टेनोग्राफर, प्रिंटर कर्मचारी शामिल होते हैं लेकिन बजट तैयार करने की जिम्मेदारी रक्षा मंत्री के इन अधिकारियों पर होती है।
इसमें सीईए, वित्त राज्यमंत्री, राजस्व सचिव, वित्त सचिव, वित्तीय सेवा विभाग और निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव होते हैं। रक्षा मंत्री के बाद इन लोगों पर जिम्मेदारी होती है कि बजट को तैयार करने की। यहीं लोग वित्त मंत्री को अपनी रिपोर्ट देते हैं।
कैस बनता है बजट (Budget Making Process In India)
हर साल बजट पेश होता है और इस प्रक्रिया में वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और सरकार के अन्य मंत्रालय शामिल होते हैं जो अपने विभागों के खर्चे और पैसे की जरुरत के मुताबिक वित्त विभाग को एक रिपोर्ट बनाकर देते हैं। सभी मंत्रालयों को अपनी- मांगों को भी बताना होता है। लेकिन उससे पहले बजट डिवीजन के सर्कुलेर जारी किया जाता है। ये रिपोर्ट वित्त मंत्री को दिखाई जाती है।
मुख्य तौर पर बजट बनाने की जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय के बजट डिवीजन पर होती है। इसमें वित्त मंत्री और उनकी टीम के अहम लोग ही शामिल होते हैं ताकि कहीं बजट की जानकारी बाहर लीक ना हो जाए। इसके लिए अधिकारियों पर इंटेलिजेंस की पैनी नजर होती है और बजट रूम में जैमर लगे होते हैं। इसके बाद बजट को अंतिम रूप देने से पहले टैक्स प्रस्तावों और अन्य मुद्दों पर वित्त मंत्री प्रधानमंत्री के साथ चर्चा होती है।
उसके बाद हलवा सेरेमनी के बाद बजट की छपाई शुरू हो जाती है। अधिकारियों को वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक में कैद कर दिया जाता है। बता दें कि इकोनॉमिक सर्वे 4 जुलाई को पेश होगा और उसके बाद 5 जुलाई को बजट पेश कर दिया जाएगा।
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