Budget 2020: आम बजट पर हरियाणा के लोगों की टिकी निगाहें, ये है मोदी सरकार से उम्मीदें

Budget 2020: आम बजट पर हरियाणा के लोगों की टिकी निगाहें, ये है मोदी सरकार से उम्मीदें
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Budget2020: हरियाण के आम लोग आम बजट पर उम्मीद की निगाहें टिकाए बैठे हैं। पिछले कुछ महीनों से अर्थव्यवस्था की बिगड़े हालात की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां एक तरफ लोगों को कुछ नई घोषणा करने की उम्मीद है तो वहीं दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था के सुधार में भी निगाहें टिकी है।

Budget 2020: हरियाण प्रदेशवासियों के लोग आम बजट पर उम्मीद की निगाहें टिकाए बैठे है। पिछले कुछ महीनों से अर्थव्यवस्था की बिगड़े हालात की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मोदी सरकार के पहली फरवरी को आने वाले बजट पर सभी कर्मचारी वर्ग की निगाहें टिकी हुई हैं।

बता दें कि 18 दिसंबर 2019 को बीजेपी प्रदेश सरकार मनोहर लाल खट्टर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण के साथ खास बैठक हुई थी, जिसमें अनेक मांगे की गई है। जिससे लोगों को यह उम्मीद है कि आगामी बजट से थोड़ी बहुत तो फायदे जरूर मिलेगा। जहां एक तरफ लोगों को कुछ नई घोषणा करने की उम्मीद है तो वहीं दूसरी तरफ अथव्यवस्था के सुधार में भी निगाहें टिकी है।

आम बजट से हैं ये उम्मीदें

केंद्रीय इकाइयों की बेकार पड़ी जमीनों को हरियाणा सरकार को खरीदने का अधिकार दिया जाए

अगर प्रदेश सरकार किसी सरकारी जमीन को खरीदना चाहती है तो उसे कलक्टर रेट जमा 20 प्रतिशत पर बेचना सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए अनिवार्य हो।

तीन नई रेल लाइन परियोजनाएं करनाल-यमुनानगर, जींद-हांसी और हरियाणा आर्बिटल के प्रस्ताव को बजट में घोषणा करें

हिसार हवाई अड्डे के तीन चरण में विस्तारीकरण के लिए केंद्र सरकार बजट का प्रावधान करें

हरियाणा में लवणता से प्रभावित क्षेत्र में सुधार के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाया जाए

किसानों को कर्ज भार में राहत देने के लिए शुरू की गई ब्याज माफी स्कीम में प्राथमिक कृषि सहकारी सीमितियों के 3500 करोड़ रुपये की हानियों की भरपाई के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तीय सहायता के लिए बजट में घोषणा की जाए

सूक्ष्म सिंचाई निधि के तहत कम से कम 600 करोड़ रुपये बजट में घोषणा की जाए

फसली ऋण की सीमा को डेढ़ लाख से तीन लाख करने को मंजूरी दी जाए

कर्मचारी वर्ग के लोगों की ये डिमांड

न्यू पेंशन स्कीम को खत्म कर पुरानी पेंशन नीति को वापस लाया जाए

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण की मुहिम बंद हो

जनसेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए

केंद्र सरकार के विभागों में खाली पड़े पद की जल्द से भरपाई करें

केंद्रीय योजनाओं में ठेका पर काम सौपनें की प्रक्रिया को बंद किया जाए

आयकर छूट की सीमा 10 लाख रुपये की जाए

जीपीएफ पर ब्याज दर 12 प्रतिशत करें

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