Budget 2023: जानिए क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे, बजट के पहले क्यों किया जाता है पेश?

देश का आम बजट (Union budget) पेश होने से पहले आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (Economic Survey Report) यानी आर्थिक सर्वेक्षण संसद के पटल पर रखा जाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, 2023 को बजट पेश करने से पहले आर्थिक सर्वे पेश करेंगी। लेकिन लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर यह आर्थिक सर्वे होता क्या है और इसे बजट से पहले क्यों पेश किया जाता है।
आर्थिक सर्वेक्षण एक वित्तीय दस्तावेज है। इसमें पिछले एक वित्तीय वर्ष के दौरान भारत के आर्थिक विकास की समीक्षा की जाती है। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों, उद्योग, कृषि, औद्योगिक उत्पादन, रोजगार, महंगाई, निर्यात जैसे आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है। आर्थिक समीक्षा इन आंकड़ों के विस्तृत विश्लेषण पर आधारित होती है। इसमें मुद्रा आपूर्ति और विदेशी मुद्रा भंडार जैसे अन्य पहलुओं पर भी विचार किया जाता है, जिसका प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पर पड़ता है।
बजट से पहले क्यों पेश की जाती है आर्थिक समीक्षा?
आर्थिक सर्वेक्षण में चालू वित्त वर्ष के प्रदर्शन की समीक्षा की जाती है। ऐसे में केंद्रीय बजट को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है। सर्वेक्षण देश को अगले वित्तीय वर्ष के लिए प्राथमिकताएं तय करने में मदद करता है।
पहली बार कब प्रस्तुत किया गया था आर्थिक सर्वेक्षण ?
भारत में पहला आर्थिक सर्वेक्षण सरकार द्वारा वर्ष 1950-51 में पेश किया गया था। कई वर्षों तक यानी 1964 तक इसे केंद्रीय बजट के साथ पेश किया जाता था। लेकिन इसके बाद इसे बजट के सामने पेश किया जा रहा है.
कौन प्रस्तुत करता है?
आर्थिक सर्वेक्षण को वित्त मंत्री द्वारा अनुमोदित किया जाता है। यह आमतौर पर संसद में केंद्रीय बजट पेश करने से पहले देश के वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इसके कई फायदे हैं क्योंकि यह केंद्रीय बजट को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है।
आर्थिक सर्वेक्षण कौन करता है तैयार ?
आर्थिक सर्वेक्षण केंद्रीय वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अर्थशास्त्र प्रभाग द्वारा तैयार किया जाता है। इसे देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है।
बजट से पहले इसे क्यों किया जाता है पेश ?
आर्थिक सर्वेक्षण आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए देश की प्राथमिकता को समझने में मदद करता है। यह इशारा करता है कि केंद्रीय बजट में किन क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। इसमें दो भाग होते हैं कि देश किन आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है और इसके साथ ही पिछले वर्ष की समीक्षा भी होती है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS