जानें CAA और NRC में क्या है फर्क, कैसे दी जाती है नागरिकता

जानें CAA और NRC में क्या है फर्क, कैसे दी जाती है नागरिकता
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नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिट्रर ऑफ सिटीजन (NRC) को लेकर लोगों के दिमाग में कई तरह के सवाल सामने आ रहे हैं। वहीं किसको भारत की नागरिता मिल सकती है।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिट्रर ऑफ सिटीजन (NRC) को लेकर लोगों के बीच एक तरह के विवाद बना हुआ है। क्या इस कानून के तहत भारतीय नागरिक और भारतीय मुस्लमानों को बाहर कर दिया जाएगा। लेकिन नागरिकता संशोधन बिल के कानून बनने के बाद ये दो तरह की चीजें सामने आ रही हैं। ऐसे में हमे इन दिनों चीजों को समझना होगा कि आखिर इन दिनों में क्या फर्क है और भारतीय नागरिता कैसे मिलती है।

क्या है नागरिता संशोधन कानून (सीएए)

नागरिकता संशोधन कानून धर्म पर आधारित है, जिसमें मुस्लिम समाज को बाहर रखा गया है। जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अप्रवासियों को भारत में शामिल करने पर जोर दिया गया है। सीएए कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई और पारसी अल्पसंख्यकों को 6 साल में भारत की नागरिता मिल जाएगी। जो पहले के कानून के तहत 11 साल में नागरिता मिलती थी और वहीं सभी धर्मों के लोग भारत की नागरिता ले सकते थे। केवल उन अल्पसंख्यकों को उस कानून का लाभ मिलेगा, जो 31 दिसंबर 2014 से भारत में रह रहे हैं। यह कानून मुस्लिमों सहित किसी भी अन्य विदेशी पर लागू नहीं होता है।

क्या है नेशनल रजिट्रर ऑफ सिटीजन (NRC)

नेशनल रजिट्रर ऑफ सिटीजन को अभी भारत सरकार ने लागू नहीं किया है। ऐसे में इस बिल के लागू होने के बाद देश में अवैध तरीके से घुसे घुसपैठियों को भारत से बाहर निकला है। ये एक तरह की नागरिता का बिल है जो भारत में रहने वाले लोगों को दिया जाता है। एनआरसी प्रक्रिया हाल ही में असम में पूरी हुई है। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवंबर में संसद में घोषणा की कि एनआरसी को पूरे भारत में लागू किया जाएगा। एनआरसी का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। एनआरसी का उद्देश्य सभी गैरकानूनी अप्रवासियों को उनके धर्म के बावजूद निर्वासित करना है। एनआरसी में वे लोग शामिल होंगे जो यह साबित कर सकते हैं कि वो या उनके पूर्वज 1971 से पहले भारत में रह रहे हैं तो ही वो लिस्ट में जोड़े जाएंगे।

जानें कैसे दी जाती है नागरिकता

नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिट्रर ऑफ सिटीजन के बीच फर्क के बाद अब बात करते हैं कि आखिर किसी नागरिता मिल सकती है और इसका क्या नियम होता है। ऐसे में भारत का नागरिक इन 5 तरीकों से सदस्य बन सकते हैं।

1. जन्म के आधार पर कोई भी भारत का नागरिक हो सकता है।

2. वंश के आधार पर भारत की नागरिकता मिली है।

3. रजिस्ट्रेशन के आधार पर नागरिकात मिल सकती है।

4. देशीयकरण (कोई राष्ट्र किसी विजातीय या विदेशी व्यक्ति को अपने देश की नागरिता देने का अधिकार) के आधार पर नागरिकता मिल सकती है।

5. भूमि विस्तार के आधार पर नागरिकता मिल सकती है।

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