West Bengal : शारदा चिटफंड घोटाले में देबयानी मुखर्जी को मिली जमानत, लेकिन नहीं हो पाएंगी रिहा, ये है वजह

West Bengal : शारदा चिटफंड घोटाले में देबयानी मुखर्जी को मिली जमानत, लेकिन नहीं हो पाएंगी रिहा, ये है वजह
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शारदा चिटफंड घोटाले में देबयानी मुखर्जी को शारदा ग्रुप के प्रमोटर सुदीप्त सेन के साथ सह आरोपी बनाया गया था। दोनों को 2013 में कश्मीर के सोनमर्ग से गिरफ्तार किया गया था।

पश्चिम बंगाल के शारदा चिटफंड घोटाले में सहआरोपी देबयानी मुखर्जी को आज कलकत्ता हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। हालांकि इसके बावजूद भी देबयानी महिला सुधार गृह से रिहा नहीं हो पाएंगी। इसका कारण यह है कि उनके ओडिशा और झारखंड में भी कई मामले दर्ज हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शारदा चिटफंड घोटाले में देबयानी मुखर्जी को शारदा ग्रुप के प्रमोटर सुदीप्त सेन के साथ सह आरोपी बनाया गया था। दोनों को 2013 में कश्मीर के सोनमर्ग से गिरफ्तार किया गया था। शारदा कंपनी ने बंगाल में पोंजी स्कीम्स चलाकर लाखों लोगों के साथ फ्रॉड किया था। पिछले साल सीबीआई ने दावा किया था कि इस घोटाले के तार सीएम रिलीफ फंड से भी जुड़े हैं। दावे के मुताबिक सीएम रिलीफ फंड की ओर से शारदा ग्रुप की ही एक कंपनी तारा टीवी को करीब 6.21 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसका इस्तेमाल बाद में कंपनी के कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए किया गया था।

इस मामले में देबयानी को गिरफ्तार करने के बाद अलीपुर के महिला सुधार गृह में रखा गया है। आज कलकत्ता हाईकोर्ट ने देबयानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे जमानत दे दी। खबरों की मानें तो देबयानी पर ओडिशा और झारखंड में भी कई मामले दर्ज हैं, लिहाजा उन्हें अलीपुर के महिला सुधार गृह में ही रहना पड़ेगा।

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