किसान आंदोलन में बढ़ा 'साइबर अटैक' का खतरा, इन देशों का नाम आ रहे सामने!

केंद्र सरकार (Central government) के तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन दिल्ली की सीमाओं पर करीब 2.5 महीने से जारी है। लेकिन अब किसानों के इस आंदोलन में साइबर अटैक का खतरा बढ़ गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि कनाडा, अमेरिका, जर्मनी और पाकिस्तान के रूट से किसान आंदोलन का स्वरूप बिगाड़ने के लिए साइबर हमला किया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि महत्वपूर्ण वेबसाइटों की हैकिंग करके माहौल बिगाड़ा बिगाड़े जाने की आशंका है। देश और दुनिया से लोगों को भड़काने का अनुरोध किया जा सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक, ग्रेटा थनबर्न के टूलकिट मामले के सामने आने के बाद सख्ती को और बढ़ा दिया गया है।
दिल्ली पुलिस की पूरी टीम अलर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि उन्होंने अपनी पूरी टीम को इस मामले को लेकर अलर्ट कर दिया है। खुफिया सूत्रों से मिले इनपुट से पता चला कि कनाडा, अमेरिका, जर्मनी और पाकिस्तान से माहौल बिगाड़ने का प्रयाश हो सकता है। साइबर सुरक्षा में लगी सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि देश में हालांकि अभी किसान आंदोलन में कोई बड़ा साइबर अटैक तो नहीं हुआ है। पर ऐसा इनपुट मिलने के बाद हम अलर्ट पर हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 2.5 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच आज कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा का राष्ट्रव्यापी चक्का जाम किया। किसानों ने देश के अलग-अलग राज्यों में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम किया था। लेकिन देश का राजधानी में इसका असर देखने को नहीं मिला है।
इस चक्का जाम के दौरान कहीं से भी हिंसा की खबर नहीं आई है। यह चक्का जाम शांतिपूर्ण रहा है। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने गणतंत्र दिवस की हिंसा को देखते हुए इस बार के प्रदर्शन को व्यवस्थित व शांतिपूर्ण तरीके से चलाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये थे। वहीं पुलिस ने भी सभी पुख्ता इंजाम किये।
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