हाथरस कांड: पीड़िता के बयान पर तैयार की गई चार्जशीट कोर्ट में दाखिल, अखिलेश और प्रियंका ने उठाये ये सवाल

यूपी के हाथरस जिले के चर्चित गैंगरेप व हत्या मामले में सीबीआई द्वारा शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। जानकारी के अनुसार हाथरस के इस चर्चित मामले की आईओ सीमा पाहुजा व सीबीआई के अन्य अधिकारी शुक्रवार को हाथरस के जिला न्यायालय पहुंचे। जहां सीबीआई द्वारा एससी/एसटी न्यायालय में मामले की चार्जशीट दाखिल की गई। जिला कोर्ट ने दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान भी लिया।
जानकारी के अनुसार जांच एजेंसी ने पीड़िता के 22 सितंबर को दिए गए आखिरी बयान को आधार बनाते हुए यह चार्जशीट तैयार की है। जिसके बाद जिला कोर्ट में आज सीबीआई ने इसे दाखिल कर दिया। इसके अलावा मामले को लेकर सीबीआई ने अन्य निर्णय कोर्ट के ऊपर छोड़े हैं। हथरस जिला कोर्ट में जांच एजेंसी के 3 अधिकारी दस्तावेज लेकर पहुंचे।
सीबीआई द्वारा कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट हाथरस रेप मामले में 4 लोगों को आरोपी बनाया गया है। आपको बता दें, सीबीआई (जांच एजेंसी) ने 11 अक्टूबर 2020 को यूपी सरकार के अनुरोध पर व भारत सरकार से आगे की अधिसूचना पर यह मामला दर्ज किया। वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इसे सत्य की जीत बताया है।
प्रियंका ने मामले को लेकर ट्विटर पर लिखा कि एक तरफ सरकार सरंक्षित अन्याय था। दूसरी तरफ परिवार की न्याय की आस थी। पीड़िता का शव जबरदस्ती जला दिया गया। पीड़िता को बदनाम करने की कोशिशें हुईं। परिवार को धमकाया गया। लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई।
एक तरफ सरकार सरंक्षित अन्याय था।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 18, 2020
दूसरी तरफ परिवार की न्याय की आस थी।
पीड़िता का शव जबरदस्ती जला दिया गया। पीड़िता को बदनाम करने की कोशिशें हुईं। परिवार को धमकाया गया।
लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई।
सत्यमेव जयते#HathrasCase pic.twitter.com/X4qD0BVjjs
यूपी के पूर्व सीएम एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी हाथरस रेप मामले पर राज्य की योगी सरकार के खिलाफ निशाना साधा है। उन्होंने निशाना साधते हुये कहा कि भाजपा सरकार से बिना लड़े कुछ भी नहीं मिलता है, ना इंसाफ और ना ही अधिकार।
'हाथरस कांड' में उप्र की भाजपा सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी जनता, विपक्ष व सच्चे मीडिया के दबाव से सीबीआई जांच बैठानी ही पड़ी. अब पीड़िता के अंतिम बयान के आधार पर चारों अभियुक्तों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल हुई है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 18, 2020
भाजपा सरकार से बिना लड़े कुछ भी नहीं मिलता न इंसाफ़, न हक़.
सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट में हाथरस मामले को लेकर चारों आरोपियों पर हत्या, गैंगरेप व एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में आरोप लगाये गये हैं। मामले के चारों आरोपियों के खिलाफ धारा-325, एससी-एसटी एक्ट 376 ए व 376 डी (गैंगरेप) व 302 की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई है।
सीबीआई ने पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाते हुये चार्जशीट दाखिल की है। लव कुश, रामू, रवि और संदीप इन चार आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल की गई है। पीड़ित युवती द्वारा 22 सितंबर को आखिरी बयान दिया गया था। पीड़िता के उसी बयान को आधार बनाकर सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की व अन्य निर्णय कोर्ट के ऊपर छोड़ा है।
ये है हाथरस रेप व हत्या का पूरा मामला
आपको बता दें, हाथरस रेप पीड़िता 14 सितंबर को अपने ही गांव में एक खेत में गंभीर हालत में पाई गई थी। पीड़िता को अलीगढ़ के अस्पताल व उसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हालत नहीं सुधरने पर भर्ती करवाया गया था। पीड़िता युवती ने अपने ही गांव के 4 लड़कों के खिलाफ गैंगरेप करने का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद स्थानीय पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया।
हाथरस पीड़िता की मौत पर देशभर में प्रदर्शन हुआ था। वहीं यूपी पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दावा किया था कि पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ है। इस बयान के बाद कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई। मामले को लेकर यूपी की योगी सरकार ने एसआईटी भी बनाई थी। एसआईटी ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट योगी सरकार को सौंप दी है।
हाथरस मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी। जिसके बाद जांच एजेंसी ने मामला अपने हाथ में लिया। सीबीआई कई बार पीड़िता के परिवार के लोगों व अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों से इस मामले के संबंध में पूछताछ कर चुकी है। मामले को लेकर आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट व ब्रेन मैपिंग भी की गई है। वहीं अब हाथरस के चर्चित मामले को लेकर सबकी निगाहें सीबीआई की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।
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